Meaning and Types of Packaging in Marketing in Hindi


हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में हम पैकेजिंग का अर्थ और इसके  प्रकार के बारे में जानेंगे।


पैकेजिंग (Packaging)

पैकेजिंग से अभिप्राय उत्पाद को सुरक्षित रखने की उस प्रक्रिया से है जिसके अंतर्गत उत्पाद को किसी विशेष पात्र में पैक किया जाता है। पात्र के अंतर्गत ड्रम, बैरल, ट्यूब, केन आदि को सम्मिलित किया जाता है। प्राचीन समय मे पैकेजिंग का प्रयोग केवल उत्पाद को सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता था परन्तु आधुनिक समय मे इसका प्रयोग सुरक्षा के साथ साथ विक्रय संवर्द्धन के लिए भी किया जाता है। आज शायद ही ऐसा कोई उत्पाद होगा जो बिना पैकिंग के उपभोक्ता को बेचा जाता है। एक आकर्षक पैकेज उपभोक्ताओं को हमेशा अपनो ओर आकर्षित करता है। अतः पैकेजिंग मुख्य रूप से उत्पाद की पहचान, सुरक्षा व आकर्षक का साधन है। 



पैकेजिंग के प्रकार (Types of Packaging)

पैकेजिंग की विभिन्न नीतियां तथा रणनीतियां होती है तथा विपणनकर्ता को इनमे से एक नीति का चुनाव करना होता है प्रत्येक विपणनकर्ता एक निश्चित नीति तथा रणनीति अपनाता है।महत्वपूर्ण पैकेजिंग नीतियां तथा रणनीतियां निम्नलिखित है :



 
पैकेजिंग के प्रकार
पैकेजिंग के प्रकार




1. परिवहन पैकेजिंग - प्रत्येक विपणनकर्ता को उपभोक्ताओं तक अपने उत्पाद पहुचाने के लिए अनेक कार्यविधियों से गुजरना पड़ता है। ऐसा करने के लिए उत्पाद को अच्छी प्रकार से पैक करना आवश्यक है ताकि इसे सही स्थान पर सुविधाजनक तरीके से तथा सुरक्षित रूप से पहुँचाया जा सके। यह कार्य परिवहन पैकेजिंग द्वारा आसानी से किया जा सकता है।

ब्रांड के प्रकार

2. उपभोक्ता पैकेजिंग - उत्पाद को उपभोक्ताओं तक पहुचाने के लिए जिस पैकेजिंग का प्रयोग किया जाता है उसे उपभोक्ता पैकेजिंग कहते है। उपभोक्ता पैकेजिंग अनेक रूपों में हो सकती है जैसे पॉलिथीन के बैग, प्लास्टिक तथा टिन के डिब्बे आदि। पैकेजिंग इस प्रकार की होनी चाहिए जिसे देखते ही उपभोक्ता उस उत्पाद का क्रय कर लें। अतः पैकेजिंग करते समय उसका रंग, आकार, डिज़ाइन आदि का ध्यान रखना चाहिए।


3. पारिवारिक पैकेजिंग - जब उत्पादक अपने सभी उत्पादों के लिए समान पैकेजिंग का प्रयोग करते है तो उसे पारिवारिक पैकेजिंग कहते है। इस प्रकार की पैकेजिंग से नए उत्पादों की सरलता से बाजार में लाया जा सकता है। इससे कंपनी की ख्याति में वृद्धि होती है तथा उपभोक्ताओं का उस कंपनी पर विश्वास बना रहता है। इस प्रकार की पैकेजिंग का मुख्य दोष यह है कि इससे मध्यस्थ की लोकप्रियता कम हो जाती है। क्योंकि ग्राहकों को लगता है कि मध्यस्थ के पास तो केवल एक ही ब्रांड की वस्तुएं है।


4. पुनः प्रयोग पैकेजिंग - जब एक उत्पाद का प्रयोग करने के बाद उसकी पैकिंग को पुनः प्रयोग किया जा सके तो उसे पुनः प्रयोग पैकेजिंग कहते है। उदाहरणस्वरूप तेल, घी, मिठाईयां आदि के डिब्बों का पुनः प्रयोग किया जा सकता है। इस प्रकार की पैकेजिंग उपभोक्ताओं के लिए लाभदायक होती है। उन्हें उत्पाद को लाने, ले जाने तथा प्रयोग करने में आसानी होती है। उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए पैकेजिंग के रंग, डिज़ाइन तथा कवर आदि में परिवर्तन करते रहना चाहिए।


5. बहु इकाई पैकेजिंग - जब एक ही निर्माता द्वारा निर्मित अलग अलग वस्तुओं को एक ही पैकेज में डालकर पैक किया जाता है तो उसे बहु इकाई पैकेजिंग कहते है जैसे प्राथमिक चिकित्सा सन्दूक में मरहम, पट्टी, कैंची, दवाइयां, गर्म पट्टी, डेटोल, रुई आदि को शामिल किया जाता है। इस प्रकार की पैकेजिंग फुटकर विक्रेताओं के लिए लाभदायक रहती है क्योंकि इससे उनके समय तथा धन की बचत होती है, परन्तु जो उपभोक्ता इनमे से एक या दो वस्तुएं ही खरीदना चाहते हो उनके लिए यह पूरी पैकिंग उपयोग रहित होगी।

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