Advantages of International Trade in Hindi


हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में हम अन्तराष्ट्रीय व्यापार के लाभों के बारे में जानेंगे।


अन्तराष्ट्रीय व्यापार के लाभ (Advantages of International Trade)

अन्तराष्ट्रीय व्यापार से लाभ की व्याख्या निम्नलिखित तीन वर्गों को मिलने वाले फायदे के रूप में की जा सकती है :

1. निर्यातकर्ता देश को लाभ : निर्यातक देश मे निर्यातों से अधिक आय प्राप्त की जाती है। इनसे आगे विशिष्टीकरण, बड़े पैमाने के उत्पादन और पैमाने की बचतें प्राप्त हो सकती है। इनके प्रभावों की व्याख्या निम्न प्रकार है :



अन्तराष्ट्रीय व्यापार के लाभ
अन्तराष्ट्रीय व्यापार के लाभ




(i) उत्पादन में वृद्धि - अन्तराष्ट्रीय व्यापार के फलस्वरूप उत्पादन वृद्धि से कुल उत्पादन अधिकतम होगा, संसाधनों का पूर्ण उपयोग होगा और उत्पादन की लागतें सम्भवतया कम हो सकती है।


(ii) तेज आर्थिक विकास - विश्व व्यापार की वृद्धि से सभी सहभागी देशों में उत्पादन तथा उपभोग में वृद्धि होगी जिससे अधिक आय होगी तथा राष्ट्रीय उत्पाद की दर ऊंची होगी। इससे आर्थिक विकास की तीव्र गति प्राप्त होगी।

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(iii) विस्तृत बाजार तथा निम्न लागतें - अन्तराष्ट्रीय व्यापार से बाजार का विस्तार होता है और व्यापार में शामिल की जाने वाली वस्तु का उत्पादन अधिक होता है। उत्पादन की मात्रा के बढ़ने से पैमाने की बचतें बढ़ती है और उत्पादन लागत तथा कीमतें घट सकती है।


(iv) अतिरिक्त उत्पादन का विकास - अन्तराष्ट्रीय व्यापार से उत्पादक देश के अतिरिक्त उत्पादन को विश्व बाजारों में बेचा जा सकता है तथा अर्जित विदेशी मुद्रा से देश मे कम मात्रा में उपलब्ध संसाधनों का आयात किया जा सकता है।



2. आयातकर्ता देश को लाभ : इसी प्रकार के लाभ उन देशों को भी प्राप्त होंगे जो वस्तुओं का आयात करते है। इन देशों को मिलने वाले लाभों की व्याख्या इस प्रकार है :

(i) वस्तुओं तथा सेवाओं का अधिक उपभोग - अन्तराष्ट्रीय व्यापार से वस्तुओं एवं सेवाओं का अधिक उपभोग सम्भव हो जाता है। इससे सन्तुष्टि में वृद्धि होती है और सामान्य रूप से लोगों के जीवन स्तर में सुधार होता है।


(ii) उच्च आर्थिक संवृद्धि - अगर आयात की जाने वाली वस्तुएं उत्पादन में प्रयोग होने वाला कच्चा माल या मध्यवर्ती वस्तुएं या निवेश में प्रयोग की जाने वाली पूंजीगत वस्तुएं है तब घरेलू निवेश तथा उत्पादन सम्भावना में वृद्धि होगी।


(iii) वस्तुओं की विभिन्नता - आयातकर्ता देश वे विभिन्न वस्तुएं प्राप्त करता है जिनका उत्पादन वह खुद नही कर सकता। अन्य देशों द्वारा प्राप्त विभिन्न कौशलों का लाभ यह देश उठाता है।


(iv) नई तकनीक सीखने का अवसर - आयातकर्ता देश विदेश से आयातित वस्तुओं का उत्पादन करना सीख सकता है और खुद उन वस्तुओं का उत्पादन कर सकता है तथा देशीय उत्पादित विदेशी वस्तुओं का पुनः निर्यात करके अन्तराष्ट्रीय बाजारों पर कब्जा कर सकता है।



3. सम्पूर्ण विश्व को लाभ : निर्यातकर्ता और आयातकर्ता देशों के उपरोक्त विवरण के अतिरिक्त सम्पूर्ण विश्व भी कईं तरीकों से अन्तराष्ट्रीय व्यापार से लाभान्वित हो सकता है जो इस प्रकार है :

(i) व्यापार के सभी भागीदारों को लाभ - अधिक अन्तराष्ट्रीय व्यापार से अधिक उत्पादन, विश्व उत्पादकता में वृद्धि, अधिक आय तथा ऊंची संवृद्धि दर सभी सहभागी देशों को प्राप्त हो सकती है। विदेशी व्यापार द्वारा देशों का आर्थिक विकास सुविधाजनक हो जाता है। कुछ देशों में बड़े पैमाने के उत्पादन से उत्पादकता बढ़ती है और लागतें कम होती है।


(ii) विश्व बाजार का विस्तार - अन्तराष्ट्रीय व्यापार बाजार को विस्तृत करता है और उत्पादन के पैमाने को बढ़ाता है। इससे उत्पादन के बड़े पैमाने की बचतें प्राप्त होती है। इससे संसाधनों का उत्तम उपभोग सम्भव होता है। उत्पादन बढ़ने से शोध और विकास में निवेश सम्भव होता है और तकनीक में सुधार होता है इससे सभी देशों को लाभ प्राप्त होता है।


(iii) व्यापार में वृद्धि का गुणक प्रभाव - व्यापार से कुछ देशों में उपभोग तथा कल्याण में वृद्धि होती है और अन्य देशों में उत्पादन अधिक होता है। अगर सम्पूर्ण विश्व को ले ले तब अधिक उत्पादन और उपभोग से अधिक लाभ होते है जैसे रोजगार, राष्ट्रीय आय, प्रति व्यक्ति आय, कल्याण में वृद्धि आदि।


(iv) दुलर्भ साधनों का उत्तम उपयोग - क्योंकि सभी देशों की साधन सम्पन्नता अलग अलग होती है इसलिए अन्तराष्ट्रीय व्यापार के माध्यम से वे अपने दुर्लभ साधनों का उत्तम उपयोग करके परस्पर लाभ उठा सकते है। जिन देशों में अपर्याप्त पूंजी उत्पाद है वे विकसित देशों से पूंजी उत्पाद आयात करके अपनी विकास प्रक्रिया को बढ़ा सकते है।

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