Procedure for Registration under Central Sales Tax in Hindi
हेलो दोस्तों।
इस पोस्ट में पंजीकरण की कार्यविधि के बारे में जानेंगे।
पंजीकरण की कार्यविधि
प्रत्येक ऐसे व्यापारी को जो अपने को इस अधिनियम के अंतर्गत पंजिकृत कराना चाहता है राज्य में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित अधिकारी के सम्मुख निर्धारित फॉर्म A में प्रार्थना पत्र देना चाहिए।
Procedure for Registration under Central Sales Tax in Hindi |
अगर किसी व्यापारी के किसी राज्य में एक से अधिक व्यापारिक स्थान हो तो उसे उन स्थानों में से एक को व्यापार का प्रमुख स्थान निर्धारित करना होगा। यह प्रमुख स्थान राज्य बिक्री कर अधिनियम तथा केंद्रीय बिक्री कर अधिनियम दोनों के लिए सामान होना चाहिए। ऐसी दशा में पंजीकरण के लिए उस अधिकारी के सम्मुख प्रार्थना पत्र देना होगा जिसके अधिकार क्षेत्र में व्यापार का प्रमुख स्थान स्थित है।
अनिवार्य पंजीकरण की दशा में जिस तिथि से व्यापारी कर देने के लिए दायी है उस तिथि से 30 दिन में पंजीकरण के लिए प्रार्थना पत्र दे देना चाहिए। ऐच्छिक पंजीकरण के लिए कभी भी प्रार्थना पत्र दिया जा सकता है।
प्रार्थना पत्र पर एकाकी व्यापार की दशा में स्वामी के, साझेदारी संस्था की दशा में साझेदारों के, हिन्दू अविभाजित परिवार की दशा में परिवार के कर्ता के, कम्पनी की दशा में कंपनी के प्रमुख अधिकारी के तथा सरकारी विभाग की दशा में उस सरकार द्वारा अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर होने चाहिए।
शुल्क - पंजीकरण के लिए प्रार्थना पत्र देने का शुल्क 25 ₹ है। यह शुल्क प्रार्थना पत्र पर 25 ₹ के कोर्ट फ्री स्टाम्प चिपका कर दिया जाएगा।
पंजीकरण के लिए प्रार्थना पत्र में वितरण
व्यापारी को अपना पंजीकरण कराने के लिए सम्बन्धित राज्य के अधिकारी को फॉर्म A में प्रार्थना पत्र देना होता है। इस फॉर्म में निम्न विवरण देने होते है।
(i) व्यवसाय के प्रबंधक का नाम एवं उसकी प्रास्थिति।
(ii) व्यवसाय के स्वामियों या साझेदारों या अन्य हितधारकों के नाम तथा पते, उनकी आयु एवं पिता का नाम आदि।
(iii) व्यवसाय की स्थापना की तिथि।
(iv) अन्तर्राजीय व्यापार के दौरान व्यापारी द्वारा की गई प्रथम विक्रय की तिथि।
(v) सम्बन्धित राज्य में व्यवसाय के मुख्य स्थान तथा अन्य स्थानों के नाम व पते।
(vi) उपर्युक्त राज्य में भंडार गृह की सूची तथा प्रत्येक भंडार गृह का पूरा पता।
(vii) केंद्रीय विक्रय कर अधिनियम के अंतर्गत व्यवसाय के अन्य पंजीकृत स्थानों के विवरण।
(viii) वह लिपि जिसमें व्यापारी द्वारा खाते रखे जाते है।
(ix) व्यापारी को प्राप्त किसी लाइसेंस के विवरण।
व्यापारियों का पंजीकरण
प्रार्थना पत्र प्राप्त होने के बाद अधिकारी इस बात की जांच करेगा कि प्रार्थना पत्र में आवश्यक सभी सूचनाएं दे दी गयी है तथा वे सब सही है तथा निर्धारित शुल्क के स्टाम्प लगा दिए गए है। अगर अधिकारी यह उचित समझता है कि कर को उचित रूप से एकत्रित करने के लिए तथा बिक्री कर प्रपत्रों के सही उपयोग एवं सुरक्षा के लिए व्यापारियों का पंजीकरण करते समय प्रतिभूति लेना उचित होगा तो वह कारणों का स्पष्ट उल्लेख करते हुए प्रतिभूति की मांग कर सकता है।
अनिवार्य पंजीकरण की दशा में जिस तिथि से व्यापारी कर देने के लिए दायी है उस तिथि से 30 दिन में पंजीकरण के लिए प्रार्थना पत्र दे देना चाहिए। ऐच्छिक पंजीकरण के लिए कभी भी प्रार्थना पत्र दिया जा सकता है।
प्रार्थना पत्र पर एकाकी व्यापार की दशा में स्वामी के, साझेदारी संस्था की दशा में साझेदारों के, हिन्दू अविभाजित परिवार की दशा में परिवार के कर्ता के, कम्पनी की दशा में कंपनी के प्रमुख अधिकारी के तथा सरकारी विभाग की दशा में उस सरकार द्वारा अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर होने चाहिए।
शुल्क - पंजीकरण के लिए प्रार्थना पत्र देने का शुल्क 25 ₹ है। यह शुल्क प्रार्थना पत्र पर 25 ₹ के कोर्ट फ्री स्टाम्प चिपका कर दिया जाएगा।
पंजीकरण के लिए प्रार्थना पत्र में वितरण
व्यापारी को अपना पंजीकरण कराने के लिए सम्बन्धित राज्य के अधिकारी को फॉर्म A में प्रार्थना पत्र देना होता है। इस फॉर्म में निम्न विवरण देने होते है।
(i) व्यवसाय के प्रबंधक का नाम एवं उसकी प्रास्थिति।
(ii) व्यवसाय के स्वामियों या साझेदारों या अन्य हितधारकों के नाम तथा पते, उनकी आयु एवं पिता का नाम आदि।
(iii) व्यवसाय की स्थापना की तिथि।
(iv) अन्तर्राजीय व्यापार के दौरान व्यापारी द्वारा की गई प्रथम विक्रय की तिथि।
(v) सम्बन्धित राज्य में व्यवसाय के मुख्य स्थान तथा अन्य स्थानों के नाम व पते।
(vi) उपर्युक्त राज्य में भंडार गृह की सूची तथा प्रत्येक भंडार गृह का पूरा पता।
(vii) केंद्रीय विक्रय कर अधिनियम के अंतर्गत व्यवसाय के अन्य पंजीकृत स्थानों के विवरण।
(viii) वह लिपि जिसमें व्यापारी द्वारा खाते रखे जाते है।
(ix) व्यापारी को प्राप्त किसी लाइसेंस के विवरण।
व्यापारियों का पंजीकरण
प्रार्थना पत्र प्राप्त होने के बाद अधिकारी इस बात की जांच करेगा कि प्रार्थना पत्र में आवश्यक सभी सूचनाएं दे दी गयी है तथा वे सब सही है तथा निर्धारित शुल्क के स्टाम्प लगा दिए गए है। अगर अधिकारी यह उचित समझता है कि कर को उचित रूप से एकत्रित करने के लिए तथा बिक्री कर प्रपत्रों के सही उपयोग एवं सुरक्षा के लिए व्यापारियों का पंजीकरण करते समय प्रतिभूति लेना उचित होगा तो वह कारणों का स्पष्ट उल्लेख करते हुए प्रतिभूति की मांग कर सकता है।
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