भारत मे आय कर का संक्षिप्त इतिहास


हेलो दोस्तों। 

आज के पोस्ट में हम आय कर के इतिहास के बारे में जानेंगे। 


भारत मे आय कर का संक्षिप्त इतिहास (Brief History of Income Tax in India)

1. आय कर का आरम्भ - भारत मे आय कर पहली बार सन 1860 में सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के कारण हुई हानियों की पूर्ति करने के लिए सर जेम्स विल्सन द्वारा लगाया गया था। 




Brief History of Income Tax in India
भारत मे आय कर का संक्षिप्त इतिहास




2. आय कर अधिनियम,1886 - आय कर अधिनियम, 1860 में 1863, 1867, 1871 और 1878 में विभिन्न प्रकार के संशोधन हुए। अंत मे सन 1886 में आय कर अधिनियम,1886 पारित करके आय कर को स्थायी रूप प्रदान किया गया। यह अधिनियम सन 1917 तक यथावत लागू रहा। 



3. आय कर अधिनियम,1918 - सन 1918 में एक नया आय कर अधिनियम बनाया गया जिसमें कर की दरें कुछ ऊंची कर दी गयी। 


4. आय कर अधिनियम,1922 - अखिल भारतीय कर जांच समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखकर सन 1922 में पुनः एक नया आय कर अधिनियम पास किया गया जिसमें प्रथम बार यह नियम बनाया गया कि आय कर गत वर्ष की आय पर चालू वर्ष में लगाया जायेगा। चालू वर्ष की कर निर्धारण वर्ष कहते है।


5. आय कर संशोधन अधिनियम, 1939 - आय कर अधिनियम, 1922 कर निर्धारण वर्ष 1961 से 62 तक लागू रहा परन्तु इसमें समय समय पर संशोधन होते रहे। 1939 में इस अधिनियम में अनेक महत्वपूर्ण संशोधन किए गए। इसमें श्रेणी के अनुसार करारोपण की पद्धति को बदल कर खण्ड प्रणाली लागू की गई। 


6. आय कर अधिनियम, 1961 - आय कर अधिनियम,1922 में अनेक बार संशोधन होने से यह अधिनियम बहुत जटिल हो गया था, अतः इसे सरल एवम स्पष्ट करने के लिए तथा कर की चोरी को रोकने के लिए सन 1961 में नया आय कर अधिनियम 1961 में पारित हुआ। 


आय कर अधिनियम 1961, 1 अप्रेल,1962 से लागू किया गया गया। यह संपूर्ण भारत मे लागू होता है। 1.4.1990 से यह सिक्किम में भी लागू हो गया। आय कर अधिनियम में प्रत्येक वर्ष के वित्त अधिनियम द्वारा महत्वपूर्ण संशोधन किए गए है। इसके अतिरिक्त अन्य कोई संशोधन अधिनियम भी समय समय पर पारित हुए है। इस अधिनियम में सुधार करने के लिए भारत सरकार ने समय समय पर कई कमेटियां गठित की तथा उनकी सिफारिशों को अधिकतर कार्यान्वित भी किया। इनमे प्रमुख है- चौकसी कमेटी तथा राजा चलैया कमेटी। 


यह अधिनियम अनेक बार संशोधित हो चुका है। अतः आय कर पदाधिकारियों तथा करदाताओं के लिए यह बहुत जटिल हो गया है। 


इस कारण समय समय पर एक नए आयकर अधिनियम की मांग उठती है। इस बात को ध्यान में रखकर अगस्त, 2009 में प्रत्यक्ष कर संहिता बिल, 2009 चर्चा के लिए जारी किया गया। 


सर्वसाधारण ने बिल में अनेक खामियों की और सरकार का ध्यान आकर्षित किया। सरकार ने सर्वसाधारण के विचारों को ध्यान में रखते हुए 15.09.2010 को एक विवेचन पत्र जारी किया। जिसमें यह बताया गया कि प्रत्यक्ष कर संहिता बिल, 2009 में किन किन क्षेत्रों में बदलाव की आवश्यकता है। 


सरकार ने 30.08.2010 को संसद में एक नया प्रत्यक्ष कर संहिता बिल, 2010 प्रस्तुत किया। परन्तु नया अधिनियम अभी तक संसद द्वारा पारित नही किया गया है। 

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