कंपनी समापन आदेश के परिणाम जानिए


हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम कंपनी के समापन के परिणामों के बारे में बात करेंगे दोस्तों। 


समापन आदेश के परिणाम (Consequences of Winding-up Order)

राष्ट्रीय कंपनी अधिनियम न्यायाधिकरण द्वारा कंपनी के समापन के आदेश देने पर इसके परिणाम समापन आरम्भ की तिथि से आरम्भ होते है। समापन आदेश के विभिन्न परिणाम इस प्रकार है :


1. सरकारी समापन तथा रजिस्ट्रार को सूचना - यदि न्यायाधिकरण कंपनी के समापन का आदेश देता है तो इसकी सूचना आदेश जारी करने के दो सप्ताह के अंदर सरकारी समापक तथा रजिस्ट्रार के पास भेज देनी चाहिए। 


2. समापन आदेश की प्रति रजिस्ट्रार को प्रस्तुत करना - समापन का आदेश हो जाने पर कंपनी तथा याचिका प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह आदेश की प्रमाणित प्रति आदेश के 30 दिन के अंदर रजिस्ट्रार के पास प्रस्तुत करें। इन 30 दिनों की गणना करते समय आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त करने की अवधि को शामिल नही किया जाता। 




कंपनी समापन आदेश के परिणाम जानिए
कंपनी समापन आदेश के परिणाम जानिए




3. कंपनी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर प्रभाव - समापन आदेश को कंपनी के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को सेवमुक्त करने की सूचना मानी जाती है। परन्तु यदि कंपनी का व्यापार चलते रहना है तो आदेश को सेवामुक्त की सूचना नही माना जाता। यदि कंपनी के किसी कर्मचारी का एक निश्चित अवधि के लिए कंपनी के साथ सेवा अनुबंध है और वह अवधि कंपनी के समापन के आदेश की तिथि पर समाप्त नही हुई है तो समापन आदेश द्वारा सेवामुक्ति अन्यायपूर्ण सेवामुक्ति मानी जयगी और सेवा के अनुबंध भंग की तरह क्षतिपूर्ति की जायेगी तथा कर्मचारी कंपनी के साथ प्रतियोगिता न करने के अनुबंध से मुक्त हो जायेगा। 


4. वादों पर प्रतिबंध - यदि समापन आदेश जारी कर दिया गया है तो न्यायाधिकरण की अनुमति के बिना कंपनी के विरुद्ध कोई भी वाद या कानूनी कार्यवाही नही की जा सकती। इसी प्रकार यदि समापन आदेश की तिथि को कोई वाद अविर्णित या लंबित है तो न्यायाधिकरण की अनुमति के बिना उस पर आगे कार्यवाही नही की जा सकती न्यायाधिकरण की अनुमति के बिना की गई कोई भी कार्यवाही या दावा प्रभावहीन होगा। जब तक अनुमति प्राप्त नही कर ली जायेगी। 


5. न्यायाधिकरण के अधिकार - न्यायाधिकरण को निम्न मामलों पर विचार करने या उनका निपटारा करने का अधिकार है :

(i) कंपनी द्वारा या कंपनी के विरुद्ध कोई भी वाद या कानूनी कार्यवाही। 

(ii) कंपनी द्वारा या उसके विरुद्ध किया गया कोई भी दावा। 

(iii) लेनदारों या सदस्यों के ससथ समझौते के लिए धारा 230 के अंतर्गत कोई आवेदन। 

(iv) प्राथमिकता से सम्बंधित कोई प्रशन या कंपनी के समापन के दौरान उतपन्न कोई प्रशन या समापन कार्यवाही से सम्बंधित कोई कानून या तथ्य। 


6. अंकेक्षित खाते एवं पुस्तकें न्यायाधिकरण के पास भेजना - कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 274(1) में यह अपेक्षित है समापन के आदेश के या सामयिक/अस्थायी समापक की नियुक्ति के 30 दिन के भीतर कंपनी के कार्यकलाप के बारे में एक विवरण पत्र समापक को दिया जाना चाहिए। इस विवरण पत्र पर किसी संचालक, प्रबन्धक, सचिव या कोई अन्य मुख्य अधिकारी, या कोई अन्य ऐसा व्यक्ति जिसे न्यायाधिकरण के आदेशानुसार समापक आदेश दें, के हस्ताक्षर होने चाहिए। 


7. समापन आदेश का प्रभाव - कंपनी के समापन का आदेश कंपनी के सभी लेनदारों तथा अंशदाताओं के पक्ष में इसी प्रकार प्रभावी होता है जैसे कि वह लेनदारों एवं अंशदाताओं की संयुक्त याचिका पर दिया गया है। 


8. सरकारी समापक कंपनी का सहायक होगा - कंपनी के समापन के आदेश जारी होने पर सरकारी समापक ही कंपनी का समापक बन जाता है। 

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