कंपनी के समापन के लिए आवेदन के बारे में जानकारी


हेलो दोस्तों।
  
आज हम कंपनी के समापन के लिये आवेदन के बारे में जानेंगे। 


समापन के लिए आवेदन या याचिका (Petition for Winding up)

न्यायाधिकरण अपने  तौर पर कंपनी का समापन नही करता। इसके लिए न्यायाधिकरण को आवेदन करना पड़ता है। इस प्रकार न्यायाधिकरण को किये गए आवेदन को याचिका कहते है। धारा 439 के अनुसार निम्नलिखित के द्वारा कंपनी के समापन की याचिका दी जा सकती है। चलो जानते है :



कंपनी के समापन के लिए आवेदन के बारे में जानकारी
कंपनी के समापन के लिए आवेदन के बारे में जानकारी



1. कंपनी द्वारा याचिका - कंपनी खुद समापन के लिए याचिका दायर नही कर सकती। कंपनी की और से संचालक कंपनी के समापन के लिए न्यायाधिकरण को याचिका प्रस्तुत कर सकते है यदि संचालको को सदस्यों द्वारा कंपनी की व्यापक सभा मे प्रस्ताव पारित करके ऐसा करने के लिए अधिकृत कर दिया गया है। साधारण तौर पर कंपनी समापन के लिए आवेदन नही करती क्योकि यदि कंपनी चाहे तो मात्र साधारण प्रस्ताव पारित करके धारा 304 के अधीन ऐच्छिक समापन कर सकती है। 


2. किसी लेनदार या लेनदारों द्वारा याचिका - किसी एक या अधिक लेनदारों द्वारा न्यायाधिकरण को कंपनी के समापन के लिए याचिका प्रस्तुत की जा सकती है। लेनदार शब्द केवल उस व्यक्ति तक सीमित नही है जिसे याचिका की तारीख को ऋण देय है और जो तुरन्त अदायदी मांग सकता है। प्रत्येक व्यक्ति जिसका कंपनी के विरुद्ध आर्थिक दावा है, चाहे वह दावा वास्तविक है या सम्भावित, लेनदार है तथा ऐसा व्यक्ति कंपनी के समापन के लिए याचिका दायर कर सकता है। 


3. किसी अंशधारी या अंशधारियो द्वारा याचिका - अंशदाता का आशय ऐसे प्रत्येक व्यक्ति से है जो कंपनी के समापन के समय की सम्पति के लिए अंशदान करने के लिए दायी होते है। इसमें पूर्ण प्रदत्त अंशो के अंशधारी भी शामिल है। किसी एक या अधिक अंशधारियो को कंपनी के समापन के लिए याचिका प्रस्तुत करने का अधिकार होता है, भले ही वह पूर्णदत्त अंशो का धारक हो, या कंपनी के पास कोई भी सम्पति न हो, या दायित्वों का भुगतान कर देने के उपरांत अंशधारियो में वितरण के लिए कंपनी की कोई सम्पति न बची हो।
 

4. उपरोक्त सभी पक्षकारों द्वारा या उनमे से किन्ही एक पक्षकार द्वारा संयुक्त रूप से या पृथक रूप से याचिका - कंपनी उसके लेनदार तथा कोई अंशदायी संयुक्त रूप से भी कंपनी के समापन के लिए याचिका दायर कर सकते है। 


5. रजिस्ट्रार द्वारा याचिका - रजिस्ट्रार कंपनी के समापन के लिए निम्नलिखित आधारों पर याचिका प्रस्तुत कर सकता है :

(i) यदि कंपनी समामेलन की तिथि के एक वर्ष के अंदर व्यापार शुरू करने में असमर्थ रहती है या सारा साल व्यापार निलंबित कर देती है। 
(ii) यदि अधिनियम के अन्तर्गत निर्धारित न्यूनतम संख्या से सदस्यों की संख्या घट जाती है।

(iii) यदि कंपनी ऋण भुगतान करने में असमर्थ हो। 

(iv) यदि न्यायाधिकरण की राय में समापन उचित एवं न्यायसंगत है।  

6. केंद्र सरकार द्वारा याचिका - धारा 224 के अंतर्गत केंद्रीय सरकार किसी व्यक्ति को न्यायाधिकरण के पास समापन के लिए याचिका प्रस्तुत करने के लिए अधिकृत कर सकती है। इस धारा के अनुसार यदि निरीक्षक द्वारा की गई जांच के अनुसार कंपनी का व्यापार लेनदारों, सदस्यों या किन्ही अन्य व्यक्तियों को धोखा देने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है, कंपनी के निर्माण या प्रबन्ध से सम्बंधित व्यक्ति कंपनी या उसके सदस्यों के प्रति कपट, कर्तव्यभंग या अन्य किसी दुराचरण के दोषी हैं, तो केंद्रीय सरकार किसी भी व्यक्ति को कंपनी के समापन के लिए याचिका प्रस्तुत करने के लिए अधिकृत कर सकती है। 

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