एक कंपनी के संचालको के कर्तव्य


हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम कंपनी के संचालको के कर्तव्य के बारे में जानेंगे दोस्तों। 


संचालकों के कर्तव्य (Duties of Directors)

संचालको के कर्तव्य प्रायः कंपनी के अन्तर्नियमो द्वारा शासित होते है और वे कंपनी के व्यापार के आकार तथा प्रकृति पर निर्भर होते है। अतः संचालको के कर्तव्यों को परिभाषित करना एक कठिन कार्य है। क्योंकि इनके एक और तो कंपनी अधिनियम के अंतर्गत बहुत से वैधानिक कर्तव्य है। जबकि दूसरी और सामान्य अधिनियम के अंतर्गत सामान्य प्रकृति के कर्तव्य है। जो इस प्रकार है :




एक कंपनी के संचालको के कर्तव्य
एक कंपनी के संचालको के कर्तव्य 



(अ) वैधानिक कर्तव्य :

1. प्रविवरण की जांच करना - संचालको का यह कर्तव्य है कि प्रविवरण के निर्गमन के पहले सतर्कतापूर्वक यह जांच करें कि प्रविवरण में दिए हुए विवरण सही है, अन्यथा असत्य और भ्रामक विवरणों का उत्तरदायित्व उनका होगा। 


2. प्रविवरण पर हस्ताक्षर करना - प्रविवरण में जिन संचालको के नाम दिए हुए है उनका कर्तव्य है कि प्रविवरण के रजिस्ट्रेशन तथा निर्गमन के पहले उस पर अपने हस्ताक्षर करें। 


3. हस्ताक्षरयुक्त वार्षिक विवरण प्रस्तुत करना - ऐसे वार्षिक विवरण जो रजिस्ट्रार के पास भेजे जायँगे उन पर कम से कम एक संचालक के हस्ताक्षर होने चाहिए। 


4. अंश आवेदन राशि बैंक में जमा करना - संचालक मंडल का कर्तव्य हौ की अंश आवेदन राशि को एक अनुसूचित बैंक में तब तक जमा रखें जब तक कि धारा 69 के अंतर्गत न्यूनतम अभिदान की राशि प्राप्त न हो जाये। 


5. वैधानिक सभा एवं वैधानिक रिपोर्ट - संचालको को निर्देशित समय मे वैधानिक सभा बुलानी चाहिए तथा वैधानिक सभा की तिथि से कम से कम 21 दिन पहले कंपनी के प्रत्येक सदस्य तथा कंपनी रजिस्ट्रार के पास वैधानिक रिपोर्ट की एक प्रति भेजनी चाहिए। 


6. असाधारण सभा बुलाना - निर्धारित संख्या में सदस्यों द्वारा मांग करने पर, संचालक मंडल का यह कर्तव्य है कि कंपनी की एक असाधारण व्यापक सभा बुलाएं। 


7. साधारण सभा बुलाना - प्रत्येक कंपनी की प्रतिवर्ष एक सभा बुलाना जरूरी है। इस सम्बंध में संचालको का कर्तव्य है कि वे सभा से सम्बंधित जरूरी कार्यवाही करें तथा सभा बुलाएं।


8. लाभांश की घोषणा व भुगतान - संचालको का कर्तव्य है कि वे लाभांश की घोषणा करें तथा उसका अंशधारियो को भुगतान करने की व्यवस्था करें। 


9. व्यवसाय प्रमाण पत्र के लिए घोषणा - संचालको का यह कर्तव्य है कि व्यापार प्रारम्भ होने से पहले अपने अंशो पर देय आवेदन तथा आबंटन राशि का भुगतान करें तथा कंपनी का व्यवसाय प्रारम्भ करने का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए रजिस्ट्रार के समक्ष एक घोषणा प्रस्तुत करें कि व्यापत आरम्भ सम्बन्धी समस्त वैधानिक आवश्यकताएं पूरी कर ली गयी है। 


10. वार्षिक लेखें - संचालको का कर्तव्य है कि वे कंपनी के वार्षिक लेखों को तैयार कराएं तथा लाभ हानि खाते व चिट्ठे को कंपनी की साधारण सभा मे प्रस्तुत करें। 


11. रजिस्ट्रार के पास प्रतिलिपियां भेजना - संचालको का यह कर्तव्य है कि वार्षिक रिटर्न के साथ लाभ हानि खाते व आर्थिक चिट्ठे की प्रतिलिपी रजिस्ट्रार को भेजें। 


12. निरीक्षण के समय प्रपत्रों को प्रस्तुत करना - कंपनी के संचालको का कर्त्तव्य है कि कंपनी की विभिन्न पुस्तको एवं प्रपत्रों की सुरक्षित रखें तथा निरीक्षण के समय इन पुस्तकों एवं प्रपत्रों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें। 


13. शोधन क्षमता की घोषणा - सदस्यों द्वारा स्वेच्छिक समापन की दशा में कंपनी के संचालको को कंपनी की शोधन क्षमता की घोषणा करनी पड़ती हैं। 


14. व्यक्तिगत हित प्रकट करना - जब कोई संचालक कंपनी के किसी विशेष व्यवहार में हित रखता है तो उसे इस प्रकार हित रखने के तुरंत बाद होने वाली प्रथम संचालक मंडल की सभा मे अपने हित को प्रकट कर देना चाहिए।


15. संचालको का उत्तरदायित्व विवरण तथा रिपोर्ट तैयार करना - संचालको का यह कर्तव्य है कि वे संचालको का उत्तरदायित्व विवरण तैयार करें तथा इसे बोर्ड की रिपोर्ट के साथ रजिस्ट्रार को भेजें। 



(ब) सामान्य कर्तव्य :

(i) उन्हें कंपनी के सामान्य लाभ के लिए सडविश्वास से काम करना चाहिए। कोई खुद के लिए गुप्त लाभ नही कमाने चाहिए क्योंकि कंपनी के साथ उनके सद्भावना सम्बन्ध होते हैं। 


(ii) उन्हें अपने कर्तव्य निष्पादन करने में उस सीमा से अधिक चतुरता दिखाने की जरूरत नही होती जितनी कि उसी के समान बुद्धि एवं अनुभव वाले व्यक्ति से यथोचित रूप में आशा की जा सकती है। 


(iii) उन्हें लापरवाही नही बरतनी चाहिए। यदि वे योग्य हो तो उनको मंडल की बैठक में अवश्य उपस्थित होना चाहिए। 


(iv) संचालको की स्वयं ही अपने कर्तव्यों को पूरा करना चाहिए। एक एजेंट के रूप में उन पर यह सिद्धांत खरा उतरना है कि एक प्रतिनिधि अपनी शक्तियों और आगे नही सौंप सकता। हां, यदि अन्तर्नियमो में सौंपने की व्यवस्था है तो वे ऐसा कर सकते हैं। 

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