कंपनी के सदस्य बनने की विधियां


हेलो दोस्तों। 

आज के पोस्ट में हम कंपनी के सदस्य बनने की विधियों के बारे में समझेंगे। चलो शुरू करते है दोस्तों। 


कंपनी के सदस्य बनने की विधियां (Methods of Acquiring Membership of a Company)


1. सीमानियम ओर हस्ताक्षर करके - कंपनी अधिनियम की धारा 2(55) के अनुसार कंपनी के सीमानियम पर हस्ताक्षर करने वालों के लिए यह माना जायेगा की वह कंपनी के सदस्य होने के लिए सहमत हो गए है। और कंपनी की रजिस्ट्री होने पर उसके नाम सदस्यों के रजिस्टर में प्रविष्ट कर लिए जायँगे। 



कंपनी के सदस्य बनने की विधियां
कंपनी के सदस्य बनने की विधियां



2. आवेदन तथा आबंटन द्वारा - कंपनी अधिनियम की धारा 2(55) के अनुसार सीमानियम पर हस्ताक्षर करने वालो के अतिरिक्त, प्रत्येक अन्य व्यक्ति जो कि कंपनी का सदस्य होने के लिए लिखित रूप में सहमत होता है और जिसका नाम कंपनी के रजिस्टर में प्रविष्ट कर लिया जाता है, कंपनी का सदस्य होगा। 


3. योग्यता अंश खरीदने को सहमत होने पर - कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार यदि किसी व्यक्ति जे कंपनी का संचालक बनने के लिए योग्यता अंश लेने और उनका भुगतान करने के लिए लिखित सहमति पर हस्ताक्षर कर दिए है तथा सहमति रजिस्ट्रार के यहां फ़ाइल कर दी गयी है तो उस व्यक्ति की स्थिति कंपनी के सीमानियम पर हस्ताक्षर करने वालो जैसी होती है अतः योग्यता अंश खरीदने की सहमति देने वाले व्यक्ति भी पंजिकृत होते ही सदस्य हो जाते है। 


4. अंशो के हस्तांतरण द्वारा - कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 44 के अनुसार कंपनी के अंश चल सम्पति है और इन्हें अन्तर्नियमो में दी हुई विधि के अनुसार हस्तान्तरित किया जा सकता है। जब हस्तान्तरण प्रलेख सभी तरह से पूर्ण करके कंपनी के पास भेज दिया जाता है तब कंपनी हस्तान्तरनकर्ता का नाम सदस्यों के रजिस्टर से हटा देती है तथा हस्तान्तरिती का नाम उस रजिस्टर में प्रविष्ट कर देती है। उसी समय से हस्तान्तरिती कंपनी का रजिस्टर्ड सदस्य बन जाता है। 


5. अंशो का हस्तांकन या उत्तराधिकार द्वारा - किसी सदस्य का दिवालिया या पागल हो जाने पर उसका उत्तराधिकारी अंशो के हस्तानकन द्वारा कंपनी का अंशधारी बन जाता है और उसे अधिकार है कि वह कंपनी को सूचना दे कि उसका नाम सदस्यों के रजिस्टर में लिखा जाए, कंपनी उसका नाम सदस्यों के रजिस्टर में लिख लेती है और वैधानिक उत्तराधिकारी कंपनी का सदस्य बन जाता है। ये वैधानिक उत्तराधिकारी याचनाओ की राशि देने के लिए बाध्य है और लाभांश प्राप्त करने के अधिकारी है। अंशो के हस्तांतरण तथा हस्तांकन की दशा में एक व्यक्ति भी कंपनी का सदस्य बनता है जब सजा नाम सदस्यों के रजिस्टर में लिख लिया जाता है। 


6. प्रदर्शन या अवरोध के लिए सिद्धान्त द्वारा - यदि कोई व्यक्ति अपना नान सदस्यों के रजिस्टर में लिखे जाने की अनुमति देता है, या अपने प्रदर्शन द्वारा प्रकट करता है, तो वह सदस्य माना जायेगा। इससे सदस्य के रूप में उसके दायित्व उतपन्न हो जाते है। 


7. अंश अधिपत्र का समर्पण करके - जब कंपनी अंश अधिपत्र निर्गमित करती है तो जिन व्यक्तियों को ऐसे अंश अधिपत्र निर्गमित किये जाते है उनका नाम सदस्यों के रजिस्टर में से हटा दिया जाता है और वे व्यक्ति कंपनी के सदस्य नही रहते। लेकिन यदि कंपनी के अन्तर्नियमो की व्यवस्थाओं के अधीन कोई भी व्यक्ति इच्छानुसार , विधिवत रूप में कभी अपना अंश अधिपत्र कंपनी को समर्पित कर देता है तो कंपनी उसका नाम पुनः सदस्यों के रजिस्टर में दर्ज कर लेती है और वह पुनः सदस्य बन जाता है। 

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