सदस्यता का अंत 
(termination of membership)


हेलो दोस्तों। 

आज के पोस्ट में हम सदस्यता के अंत के बारे में जानेंगे। 

निम्नलिखित किसी भी ढंग से सदस्यता का अंत हो जाता है। 

1. अंशो के हस्तांतरण द्वारा - जब कोई अंशधारी अपने अंशो का हस्तांतरण अन्य किसी व्यक्ति को कर देता है तथा हस्तान्तरिती का नाम सदस्यों के रजिस्टर में लिख दिया जाता है तो हस्तान्तरनकर्ता की सदस्यता समाप्त हो जाती है। यदि अंश हस्तान्तरण के एक वर्ष के अंदर कंपनी का समापन हो जाता है तो हस्तान्तरनकर्ता कंपनी के उन दायित्वों के लिए उत्तरदायी होगा जो कंपनी ने उस समय किये थे जबकि वह सदस्य था और जिनका भुगतान वर्तमान अंशधारी ने नही किया है। 



सदस्यता का अंत - termination of membership
termination of membership 




2. अंशो का हरण - अंशो का हरण तभी किया जा सकता है जबकि अन्तर्नियमो में इसकी व्यवस्था हो। अंशो के हरण का आशय अंशो पर किसी मांग, क़िस्त या प्रीमियम का भुगतान न करने के कारण दण्ड के रूप में अंशो को अनिवार्य रूप से हरण करना तथा सदस्यता का अंत करना है। जब इस प्रकार अंशो का हरण कर लिया जाता है, तो त्रुटि करने वाले अंशधारी का नाम सदस्यों के रजिस्टर से पृथक कर दिया जाता है और अंशो पर उनके द्वारा प्रदत्त धनराशि पर उनका कोई अधिकार नही रहता। इस प्रकार इनकी सदस्यता समाप्त हो जाती है। 


3. अंशो का वैध समर्पण - समर्पण से आशय किसी अंशधारी द्वारा अपने अंशो को स्वेच्छा से कंपनी को त्यागना है। अंशो के समर्पण का परिणाम अंशपुंजी में कमी कर देना होता है, और इसलिए अवैधानिक है जब तक कि राजनियम की आवश्यकताओं के पालन करके नही किया गया है। कभी कभी अन्तर्नियमो के अधीन संचालको की समर्पण स्वीकार करने का अधिकार दिया जाता है। वैधानिक रूप में अंशो का समर्पण स्वीकार होने पर अंशधारी की सदस्यता का अंत हो जाता है। 


4. अनुबंध का परित्याग - प्रविवरण में मिथ्यावर्णन या अनियमित आबंटन के आधार पर यदि कोई सदस्य अपने अनुबंध का परित्याग करता है तो उसकी सदस्यता का अंत हो जाता है। लेकिन यह नियम पार्षद सीमानियम पर हस्ताक्षर करने वालो पर लागू नही होता है। 


5. सदस्य का दिवालिया होना - एक सदस्य के दिवालिया होने पर उसके अंशो का अधिकार सरकारी रिसीवर को प्राप्त हो जाता है जो उसके साथ उपयुक्त व्यवहार कर सकता है। जब वह इनकी बिक्री कर देता है तो दिवालिया की सदस्यता समाप्त हो जाती है। 


6. पूर्वाधिकार का प्रयोग - यदि किसी सदस्य के अंशो पर कंपनी को पूर्वाधिकार है तो इस अधिकार का प्रयोग करने पर कंपनी द्वारा अंशो की बिक्री अन्तर्नियमों में दिए हुए अधिकारों के अनुसार की जा सकती है। इस प्रकार जब क्रेता का नाम सदस्यों के रजिस्टर में लिखा जाता है तो पुराने अंशधारी की सदस्यता समाप्त हो जाती है। 


7. न्यायालय की डिक्री - अंशो को यदि न्यायालय की डिक्री के अधीन बेच दिया जाता है तो अंशधारी की सदस्यता समाप्त हो जाती है।


8. पूर्वाधिकार अंशो का शोधन - शोध्य पूर्वाधिकार अंशो की पूंजी का शोधन होने पर भी सदस्यता समाप्त हो जाती है। 


9. कंपनी का समापन - यदि कंपनी का समापन हो जाता है तो उसके सदस्यों की सदस्यता भी समाप्त हो जाती है यद्यपि वे अंशधारी के रूप में अन्य पक्षों के प्रति उत्तरदायी होते है। 

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