Normal loss and Abnormal Loss on Consignment in Hindi


हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम माल के नष्ट हो जाने के भागों के बारे के बात करेंगे।


माल का नष्ट हो जाना (Loss of goods)

प्रेषण (consignment) की दशा में माल की हानि होने पर इसका उचित लेखांकन व्यवहार जरूरी है। माल की हानि का लेखांकन व्यवहार हानि की प्रकृति पर निर्भर करता है। इस प्रकार की हानियों को दो भागों में बांटा जा सकता है :


1. सामान्य हानि (Normal Loss)

2. असामान्य हानि (Abnormal Loss)




Normal loss and Abnormal loss in cost accounting in hindi
Normal loss and Abnormal loss in cost accounting in hindi




1. सामान्य हानि (Normal Loss)

सामान्य हानि से मतलब माल की ऐसी हानि से है जो माल के प्राकृतिक गुणों के कारण होती है और जिसे रोका नही जा सकता। ऐसी हानि प्रेषित माल की स्वाभाविक प्रकृति के कारण होती है। जैसे कि, यदि किसी विशेष मात्रा में कोयला प्रेषित किया जाता है तो इसमें से कुछ मात्रा उतारने चढ़ाने में और कुछ मात्रा मिट्टी में मिल जाने के कारण कम हो जाती है। ऐसी हानि को सामान्य हानि कहा जाता है।


सामान्य हानि के अन्य उदहारण है : साबुन का वाष्प बन कर उड़ जाना, पनीर का सूख जाना, तेल या घी चू जाना, फलों और सब्जियों का सड़ जाना आदि। प्रत्येक प्रकार की उचित सावधानी रखने पर भी ऐसी हानियाँ जरूर ही होती रहती है।


क्योकि सामान्य हानि प्रेषित माल की लागत का हिस्सा ही होती है अतः इसका लेखा करने के लिए अलग से किसी प्रविष्टि की जरूरत नही होती। सामान्य हानि से पहले कुल माल की जो लागत थी उसे सामान्य हानि होने के बाद शेष बचे हुए माल की लागत मान लिया जाता है। ऐसा करने से बचे हुए माल की प्रति इकाई लागत बढ़ जाती है।



2. असामान्य हानि (Abnormal Loss)

ऐसी कोई भी हानि जो कि माल के प्राकृतिक गुणों के कारण नही होती वह असामान्य हानि कहलाती है। जैसे माल का चोरी हो जाना, आग लग जाना, क्षतिग्रस्त हो जाना आदि। ऐसी हानि को कुशल प्रबन्ध द्वारा रोका जा सकता है। असामान्य हानि का मूल्यांकन अंतिम स्टॉक की भांति ही किया जाता है। अर्थात इस हानि की गणना करते समय अनावृत व्ययों का आनुपातिक भाग भी जोड़ दिया जाता है। असामान्य हानि के सम्बन्ध में प्रेषक की पुस्तको में निम्न प्रकार प्रविष्टियां की जाती है -

(i) आसामान्य हानि के मूल्य से :

Abnormal Loss A/c                            Dr.
         To Consignment A/c



(ii) असामान्य हानि की राशि बीमा कंपनी से प्राप्त होने पर -

Insurance claim A/c                          Dr.
          To Abnormal Loss A/c   



(iii) असामान्य हानि खाते के शेष के हस्तांतरण पर -

Profit and Loss A/c                            Dr.
          To Abnormal Loss A/c




असामान्य हानि से सम्बंधित निम्न बातें महत्वपूर्ण हैं :

(i) आसामान्य हानि की प्रविष्टियां केवल प्रेषक की पुस्तकों में ही की जाती है, प्रेषणी की पुस्तकों में नही।


(ii) यदि असामान्य हानि रास्ते मे हो तो केवल प्रेषक के आनुपातिक अनावर्तक व्यय ही लागत की गणना में जोड़े जाते है।


(iii) असामान्य हानि के मूल्य की गणना हमेशा Cost Price पर ही की जाएगी चाहे प्रश्न Cost Price Method के द्वारा हल किया जाए या Invoice Price Method से।


निष्कर्ष के रूप में समझे तो दोस्तो जो हानि प्राकृतिक गुणों के कारण होती है वह सामान्य हानि होती है और जो प्राकृतिक गुणों के कारण नही होती वह असामान्य हानि कहलाती है। दोनो प्रकार की हानिया ही होती रहती है। 

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