Accounting Treatment of goodwill in hindi


हेलो दोस्तों।

आज हम ख्याति के लेखांकन व्यवहार के बारे में जानेंगे।


ख्याति का लेखांकन व्यवहार (Accounting Treatment of Goodwill)

अवकाश ग्रहण करने वाले या मृतक साझेदार की अपने हिस्से की ख्याति को पाने का पूरा अधिकार है क्योंकि फर्म द्वारा अर्जित की गई ख्याति सभी साझेदारों के प्रयासों का परिणाम होती है। क्योंकि भविष्य के लाभों के कुछ भाग वर्तमान ख्याति के कारण अर्जित किया जाएगा और अवकाश ग्रहण करने वाला या या मृतक साझेदार उन लाभों में हिस्सा नही लगा अतः यह उचित ही होगा कि अवकाश ग्रहण करने वाले साझेदार को इसके बदले ख्याति के रूप में क्षतिपूर्ति दी जाए।

ख्याति के मूल्यांकन की विधियां जाने

ख्याति की पुस्तकों में तभी लेखांकित किया जा सकता है जब इसके प्रतिफल स्वरूप नकद या नकदी के बदले कुछ मूल्य चुकाया गया हो। इसका मतलब है कि केवल क्रय की गई ख्याति को ही पुस्तको में लेखांकित किया जा सकता है और ख्याति खाता नही खोला जा सकता है।



Accounting Treatment of goodwill in hindi
Accounting Treatment of goodwill in hindi




अतः किसी साझेदार के अवकाश ग्रहण के समय ख्याति के लिए समायोजन साझेदारों के पूंजी महातों के माध्यम से किया जाएगा। अवकाश ग्रहण करने वाले साझेदारों के पूंजी खाते को उसके हिस्से की ख्याति से क्रेडिट किया जाएगा और शेष साझेदारों के पूंजी खातों को उनके लाभ प्राप्ति अनुपात में डेबिट किया जाएगा। इसके लिए जो प्रविष्टि की जायेगी वो इस प्रकार है :

Continuing Partner's Capital A/cs            Dr.
      To Retiring/Deceased Partner's Capital A/c

(For retiring/deceased partner's share of goodwill adjusted to continuing partners in the gaining ratio)



जब पुस्तको में ख्याति खाता पहले से ही विद्यमान है - प्रायः फर्म की पुस्तकों में ख्याति खाता विद्यमान नही होता है। परंतु यदि किसी साझेदार के अवकाश ग्रहण के समय इसे स्थिति विवरण में पहले से ही दिखाया हुआ है तो इसे अपलिखित कर दिया जाएगा। जिसके लिए सभी साझेदारों के पूंजी खातों को पुराने लाभ विभाजन अनुपात में डेबिट और ख्याति खाते को क्रेडिट किया जाता है। इसके लिए ये प्रविष्टि होगी :

All psrtner's Capital A/cs                           Dr.
      To Goodwill A/c


(For goodwill existing in the books written off)   



सम्पत्तियों एवं दायित्वों का पुनर्मूल्यांकन

किसी साझेदार के अवकाश ग्रहण के समय सम्पत्तियों तथा दायित्वों का पुनर्मूल्यांकन ठीक उसी प्रकार किया जाता है जिस प्रकार नए साझेदार के प्रवेश के समय किया जाता है। परंतु अवकाश ग्रहण के समय पुनर्मूल्यांकन से होने वाले लाभ या हानि को अवकाश ग्रहण करने वाले साझेदार सहित सभी साझेदारों के लाभ विभाजन अनुपात बांटा जाता है जबकि नए साझेदार के प्रवेश पर नए साझेदार को यह लाभ हानि नही मिलता।

Post a Comment