सारांश के बारे में जानकारी
हेलो दोस्तों।
आज के पोस्ट में हम सारांश के बारे के जानेंगे।
सारांश (Abstracts)
किसी बड़े कार्य को संक्षेप तथा सशक्त रूप में वर्णन करने को सारांश कहा जाता है। पाठक इससे यह निर्णय लेता है कि वह दिए गए दस्तावेज को पढ़ने का कार्य जारी रखे या उसे रोक दे। यह दस्तावेज परिणामस्वरूप तथा गुणात्मक सूचनाओ का प्रतिनिधित्त्व करता है तथा इसकी तार्किकता को भी प्रकाशित करता है।
किसी अनुसन्धान पत्र की अपेक्षा सारांश लेखन अधिक जटिल होता है। अनुसन्धान पत्र में आप अपने विचारों को विस्तारपूर्वक व्यक्त कर सकते है। किंतु सारांश लेखन में आपको अपने विचारोम को संक्षिप्त रूप में व्यक्त करना होता है।
सारांश के बारे में जानकारी |
मूल घटक (Basic Components)
किसी भी विषय मे एक सारांश के चार मूल घटक होते है :
1. समस्या वक्तव्य - आपके अनुसन्धान में क्या व्यावहारिक, वैज्ञानिक या सैद्धान्तिक त्रुटियां पाई जाती है ?
2. कार्यविधि - आपने वास्तव में क्या किया था ?
3. परिणाम - आपने क्या सीखा, आविष्कार किया, सर्जन किया ?
4. निष्कर्ष - आपके निष्कर्षों के क्या निहितार्थ है ?
सारांशो के उद्देश्य (Purposes of Abstracts)
सारांशो के पांच उद्देश्य इस प्रकार है :
1. पाठको को यह निर्णय लेने में मदद करना कि वह सम्पूर्ण लेख को पढ़े।
2. पाठकों तथा अनुसंधानकर्ताओं की इस बात में मदद करना कि वो किसी विषय के मुख्य निष्कर्षों को याद रखे।
3. मुख्य बिंदुओं की रूपरेखा के पूर्व गठन द्वारा मूल विषय को समझने में पाठकों की मदद करना।
4. लेखों को तुरन्त ढूंढने में सूचक का काम करना।
5. पर्यवेक्षकों की तकनीकी लेखों की समीक्षा में मदद करना तथा उन्हें अनावश्यक ब्यौरों से सुरक्षित करना।
सारांशो के प्रकार (Types of Abstracts)
सारांश दो प्रकार के होते है
1. वर्णनात्मक सारांश - किसी लेख के संक्षिप्त वर्णन की अपेक्षा वर्णनात्मक सारांश उसकी केवल मात्र रूप रेखा होती है, ताकि पाठक यह निर्णय ले सके कि उसने सम्पूर्ण लेख को पढ़ना है, या नही। यह पैराग्राफ के रूप में विषय सूची की भांति होता है।
यह लेख के सम्बंध में कोई निर्णय नही देता ना ही यह अनुसन्धान के सम्बंध में कोई परिणाम या निष्कर्ष बताता है। लेख में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण शब्दों को इसमे सम्मिलित किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसमे अनुसन्धान के उद्देश्यों, विधियों तथा कार्य क्षेत्र को भी शामिल किया जाता है। वर्णनात्मक सारांश प्रायः बहुत संक्षिप्त होते है, अर्थात इसमे 100 या कम शब्द होते है।
2. सूचनात्मक सारांश - अधिकांश सारांश सूचनात्मक होते है। एक श्रेष्ठ सूचनात्मक सारांश में लेखक सभी मुख्य तर्क तथा महत्वपूर्ण परिणामों तथा प्रमाणों को प्रस्तुत करता है तथा उनकी व्याख्या भी करता है। इसमें वह सूचना भी सम्मिलित होती है जिसे वर्णनात्मक सारांश में पाया जाता है, इसके अतिरिक्त इसमे अनुसन्धान के परिणाम तथा निष्कर्ष भी पाए जाते है। सूचनात्मक सारांश प्रायः सम्पूर्ण लेख की लंबाई का लगभग 10 प्रतिशत होता है।
एक सारांश कैसे लिखा जाता है ? (How to write an Abstract ?)
एक सारांश लिखना इतना सहज नही होता जितना यह दिखाई देता है। यह लम्बा समय देने वाली एक जटिल क्रिया है।
एक सारांश प्रायः शीर्षक के साथ पढा जाता है, इसलिए शीर्षक को दोहराना या पुनः अभिव्यक्त नही करना चाहिए। सम्भव है कि इसे बिना शेष दस्तावेज के पढा जाए। अतः जहाँ तक हो सके इसे खुद सम्पूर्ण होना चाहिए।
विषय वस्तु में उद्देश्यों, विधियों, परिणामो तथा निष्कर्षों के वक्तव्य सम्मिलित होते है। अपने आप को व्यक्त करने के लिए आपके पास 250 तथा 300 के बीच शब्द होते है। अतः प्रत्येक वक्तव्य में आपने कुछ ही शब्दों का प्रयोग करना है।
(i) "मैं" या "हम" का प्रयोग मत करें। जहां तक सम्भव हो सके निष्क्रिय के स्थान पर सकर्मक क्रिया का चयन करें।
(ii) अगर सम्भव हो तो ब्रांड का नाम, आदि वर्णिक शब्दों, संक्षिप्त अक्षरों, संकेत चिन्हों का प्रयोग न करें। आपको इन शब्दों की व्याख्या करनी होगी, जो कि एक लम्बा कार्य सिद्ध होगा।
(iii) ऐसे सूचक शब्दों को चुनिए जो पाठकों की स्मरण शक्ति में अंकित हो जाए।
(iv) सारांश के पैराग्राफ सूक्ष्म आकार के होने चाहिए। इनके बीच संक्रमण स्पष्ट तथा मधुर होना चाहिए।
(v) कथनों के बीच के अनुपात इन समायोजन आपके मुख्य विषय के अनुकूल होना चाहिए। अगर आपकी विलक्षणता विधियों में पाई जाती है तो आप एक अतिरिक्त वाक्य जोड़ सकते है।
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