संक्षिप्त विवरण के बारे में जानकारी


हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम संक्षिप्त विवरण के बारे में समझेंगे।


संक्षिप्त विवरण (Summary)

संक्षिप्त विवरण लिखना लेखन कौशल का एक बड़ा रूप है। यह एक लंबे समय का संक्षिप्त विवरण होता है। इसके द्वारा पाठक को विषय के बारे में अधिक और गहन जानकारी प्राप्त होती है। शब्दों की सुनिश्चित सीमा के कारण यह जरूरी हो जाता है कि ऐसे शब्दों का चयन किया जाए जिनसे लेख को आसानी से समझा जा सके। संक्षिप्त विवरण के लिए पूर्ण ज्ञान तथा समझदारी जरूरी है तभी 1000 शब्दों वाले लेख को 200 शब्दों में बांधा जा सकता है।




संक्षिप्त विवरण के बारे में जानकारी
संक्षिप्त विवरण के बारे में जानकारी




संक्षिप्त विवरण लिखने का सूत्र (Formula of Writing Summary)

सफल संक्षिप्त विवरण को लिखने का मूल सूत्र इस प्रकार है : "CURE ME"

यह एक आदिवर्णिक शब्द है

CURE से ज्ञात होता है की संक्षिप्त को कैसे लिखा जाता है तथा ME से यह ज्ञात होता है कि इसमें क्या सम्मिलित किया जाना चाहिए।

'C' अक्षर से अंग्रेजी भाषा का शब्द Condensed बनता है।

संक्षिप्त : केवल आवश्यक शब्दों या वाक्यों  का प्रयोग करें। संक्षिप्त की लंबाई मूल लम्बाई की एक तिहाई होनी चाहिए।



'U' अक्षर से अंग्रेजी भाषा का शब्द Unbiased बनता है।

निष्पक्ष : इसमे कोई व्यक्तिगत मत शामिल करने की जरूरत नही होती। "मैं" का प्रयोग न करें।



'R' अक्षर से अंग्रेजी भाषा का शब्द Restated बनता है।

पुनः कथित : लेखक के विचारों का अपने शब्दों में वर्णन करें।



'M' अक्षर से अंग्रेजी भाषा का शब्द Main Idea बनता है।

मुख्य विचार करें : कहता है, दावा करता है, विश्वास करता है, सुझाव देता है।



'E' अक्षर से अंग्रेजी भाषा का शब्द Essential Points बनता है।




संक्षिप्त विवरण को कैसे लिखा जाए ? (How to write Summary ?)

संक्षिप्त विवरण को लिखना आसान काम नही है। लेख में दी गयी सूचना कस यह एक यथार्थ प्रस्तुतिकरण होना चाहिए। इसके लोए जरूरी है कि लेखक को विषय वस्तु के बारे में गहन ज्ञान तथा समझ हो। एक संक्षिप्त विवरण को लिखने के पहले कुछ विशेष बातों को याद रखना जरूरी है।


1. एक लेख, एक अध्याय या एक पुस्तक के संक्षिप्त विवरण लिखने का लक्ष्य, जहाँ तक सम्भव हो सके, मौलिक या सही अर्थ होना चाहिए, किंतु कम शब्दों में यह आपके अपने शब्दों में लेखक के उद्देश्य आशय को दर्शाता है।


2. संक्षिप्त विवरण लेखन मौलिक लेख को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। इसके द्वारा प्राप्त ज्ञान से आप मौलिक लेख का विश्लेषण तथा उसकी आलोचना कर सकते है।


3. सबसे पहले प्रथम पैराग्राफ में दिए गए मुख्य विचार को ढूंढे। फिर लेख को सरसरी नजर में पढ़े, शीर्षक तथा ग्राफ को देखे। फिर निष्कर्ष को पढ़ें। उद्देश्य यह है कि आप इसकी समीक्षा करें तथा प्रभावशाली ढंग से अपने आप को इसके साथ बांध सके।


4. एक रूपरेखा बनाए जिसमें मुख्य विचार सम्मिलित हो। अपनी सूचना को तार्किक क्रम में व्यवस्थित करें।


5. संक्षिप्त विवरण लिखते समय लेखक का नाम पहले वाक्य में हो। मुख्य विचार को प्रस्तुत करने के बाद, समर्थक वाक्यों का वर्णन करें। लेखक के मुख्य विचारों का समर्थन, चित्रांकन आदि संक्षिप्त विवरण के शेष भाग में केंद्रित होना चाहिए। स्मरण रहे कि संक्षिप्त विवरण में केवल लेखक के विचार ही दिए जायँगे। अतः जहां तक सम्भव हो आप निष्पक्ष बने रहें।


6. अपने संक्षिप्त विवरण को दोहराते तथा सम्पादित करते समय इसकी तुलना मौलिक लेख से करें तथा अपने आप से प्रश्न करें : क्या मेने लेखक के शब्दों को बिना उनके अर्थ को बदले पुनः व्यक्त किया है ? क्या मैंने यथार्थ रूप में मुख्य विचारों तथा समर्थक बातों का पुनः वर्णन किया है।


विषय वस्तु की अच्छी जानकारी प्राप्त करने के लिए संक्षिप्त विवरण लिखने वाले को सम्पूर्ण विषय को अच्छी तरह से पढ़ लेना चाहिए और अपने सन्देह को स्पष्टीकरण द्वारा दूर कर लेना चाहिए ताकि जटिल व कठिन विषय को सरल बना देना चाहिए।


संक्षेप में किसी सम्पूर्ण लेख के मुख्य विचारों को संघनित रूप में अपने शब्दों में लिखने को संक्षिप्त विवरण कहते है। 

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