ई-मेल क्या होता है और इसके लाभ हानि और प्रयोग क्या है
हेलो दोस्तों।
आज के पोस्ट में हम ई-मेल के बारे में जानेंगे।
ई-मेल (E-mail)
ई-मेल का अर्थ एक ऐसे सन्देश से है जो कम्प्यूटर के द्वारा प्रेषित किया जाता है तथा इसमें एक मित्र के भेजे गए पत्र से लेकर सारे विश्व मे प्रेषित प्रस्तुति तक को सम्मिलित किया जाता है।
वर्ष 1970 तक ई-मेल को कम्प्यूटर आधारित सन्देश प्रक्रिया कहा जाता था। वेस्टर्न यूनियन ने 1974 में इसे ई-मेल नाम दे दिया।
What is E-mail and its Uses Advantages and Disadvantages in hindi |
ई-मेल द्वारा आप एक व्यक्ति को सन्देश प्रेषित कर सकते है। ई-मेल में विशेष बात यह है कि आप यह नही जानते है कि वह व्यक्ति विश्व भर में कहां है। इस प्रणाली का प्रयोग करने वाले को यूजर कहते है।
ई-मेल का प्रयोग (Uses of E-mail)
ई-मेल की सहायता से विश्व मे कहीं भी व्यक्ति विशेष, व्यक्तियों के समूह या अन्य कम्प्यूटरों से सम्पर्क स्थापित कर हम सूचनाओं, आंकड़ो की फ़ाइल, वीडियो, म्यूजिक और बहुत कुछ जो कम्प्यूटर का स्टोर है को आपस मे बांट सकते है। इसका प्रयोग इस प्रकार है :
1. लेखन तथा वाचन का संयुक्त रूप - ई-मेल लेखन तथा वाचन का संयुक्त रूप है। एक यूजर अपने प्राप्तकर्ता को सीधे सन्देश प्रेषित कर सकता है, एक लिखित सन्देश को सुधार सकता है तथा यदि उसमे कुछ परिवर्तन करने है तो वह भी कर सकता है। ई-मेल प्रेषक का समय जो छपाई में, प्रतिलिपि कराने में तथा सन्देश को विपरीत करने में नष्ट होता है उससे बचा जा सकता है। ई-मेल फैक्स तथा टेलेक्स प्रेषित करने में भी सहायक होता है।
2. व्यक्तिगत संचार में उपयोगी - ई-मेल आपके व्यक्तित संचार में भी सहायक होता है। आप अपने मित्रों तथा परिवार के साथ विश्व मे कही भी सन्देश प्रेषित कर सकते है तथा सन्देश प्राप्त कर सकते है।
3. अनौपचारिक मार्ग - ई-मेल के लिए लेखन अपनी विकास की प्रारंभिक अवस्था मे है परंतु यह तकनीक एक अनौपचारिक तकनीक है। अधिकांश व्यवसायी व उच्चस्तरीय अधिकारी जब ई-मेल का प्रयोग करने लगे है। विराम चिन्ह इत्यादि का प्रयोग आवश्यक नही है तथा भाषा भी अनौपचारिक है। इन सभी कारणों से ई-मेल तकनीक सभी के द्वारा पसन्द की जाती है।
ई-मेल के लाभ (Advantages of E-mail)
ई-मेल के कुछ लाभ निम्नलिखित है :
1. सन्देशों का प्रेषण एक साथ होता है।
2. सन्देश अक्सर व्यक्तिगत एवं औपचारिक होते है (यह विशेषता लाभ भी हो सकती है और हानि भी)।
3. टेलीफोन की तुलना में, टेलीफोन टैग की समस्या कम या लुपय हो जाती है।
4. मीटिंग में व्यतीत होने वाले समय मे कटौती आ जाती है।
5. मेमोरंडम एवं रोजाना के पत्रों की जगह ई-मेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
6. ई-मेल दिन या रात किसी भी समय भेजा जा सकता है, इस प्रकार इससे टाइम जोन के अंतर के कारण उतपन्न व्यय और समस्याओं को कम किया जा सकता है।
7. सन्देश कई प्राप्तकर्ताओं को एक साथ भेजे जा सकते है।
ई-मेल की हानियाँ (Disadvantages of E-mail)
ई-मेल की कुछ हानियाँ निम्नलिखित है :
1. व्यय (कंपनी की जरूरतों पर निर्भर, प्रणालियां लाभ प्रभावी हो सकती है) ।
2. सन्देश पत्र और मेमोरंडम की तुलना में ई-मेल अधिक तेजी से तैयार होता है इसलिए ई-मेल भेजने वाला कई बार असावधानीवश टाइपिंग के दौरान तथ्यों, आंकड़ो या व्याकरण सम्बन्धी गलतियां कर सकता है।
3. ई-मेल सन्देश, पारम्परिक व्यवसायिक पत्रों की तुलना में, कम गम्भीरता से लिए जाते है।
4. सन्देश भेजने वाले को कोई आश्वासन नही होता कि वांछित प्राप्तकर्ता अपने मेल बॉक्स को चेक करेंगे या नही या सन्देश का जवाब देंगे या नही।
5. ई-मेल स्क्रीन पर उपलब्ध जगह या स्पेस, एक टाइप किए पेज की तुलना में, कम होता है। विविध स्क्रीन वाला कम्प्यूटर लम्बे टाइप किए पत्र या मेमोरंडम की तुलना में अधिक खिजाने वामे हो सकते है।
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