रोकड़ बजट और इसके उद्देश्य या उपयोगिता या महत्व के बारे के जानकारी


हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में रोकड़ बजट के बारे के जानेंगे और साथ मे इसके उद्देश्य उपयोगिता या महत्व के बारे में भी समझेंगे।


रोकड़ बजट (Cash Budget)

रोकड़ बजट से आशय एक निश्चित भावी समयावधि के लिए रोकड़ की प्राप्तियों व रोकड़ के भुगतानों का अनुमान लगाने से है। रोकड़ बजट तैयार करने का मुख्य उद्देश्य रोकड़ बजट की समयावधि के लिए रोकड़ की जरूरत का पूर्वानुमान लगाना तथा इस समयावधि में रोकड़ के आधिक्य या कमी को प्रदर्शित करना होता है।




रोकड़ बजट और इसके उद्देश्य या उपयोगिता या महत्व के बारे के जानकारी
रोकड़ बजट और इसके उद्देश्य या उपयोगिता या महत्व के बारे के जानकारी




मुख्य भाग (Main Parts)

रोकड़ बजट के मुख्य दो भाग होते है -

1. रोकड़ प्राप्तियां - रोकड़ प्राप्तियों के अन्तर्गत नकद विक्रय, देनदारों, विनियोगों से प्राप्त आय आदि से मिलने वाली रोकड़ को सम्मिलित किया जाता है।


2. रोकड़ भुगतान - रोकड़ भुगतान के अन्तर्गत नकद क्रय, लेनदारों, व्ययों आदि के लिए भुगतान की जाने वाली रोकड़ को सम्मिलित किया जाता है।




रोकड़ बजट के उद्देश्य या उपयोगिता या महत्व (Objectives or Utility or Importance of Cash Budget)

रोकड़ बजट के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है :

1. उपयुक्त वित्तीय स्त्रोत का चयन - रोकड़ बजट की सहायता से भावी निश्चित समयावधि में रोकड़ की आवश्यकता के सम्बंध में अल्पकालीन या दीर्घकालीन रोकड़ की कमी की जानकारी प्राप्त होती है। इसके आधार पर वित्तीय प्रबन्धक उपयुक्त वित्तीय स्त्रोत का चयन कर सकता है।


2. भावी निश्चित समयावधि के लिए रोकड़ आवश्यकता का पूर्वानुमान - रोकड़ बजट का उद्देश्य एक भावी निश्चित समयावधि के लिए रोकड़ की आवश्यकता का पूर्वानुमान लगाना होता है। इसके अंतर्गत निश्चित समयावधि में कुल रोकड़ प्राप्तियों व कुल रोकड़ भुगतानों का अनुमान लगाकर रोकड़ आधिक्य या रोकड़ कमी की गणना की जाती है।


3. स्थायी सम्पत्तियों के क्रय सम्बन्धी निर्णय में सहायक - रोकड़ बजट तैयार करने का एक अन्य उद्देश्य स्थायी सम्पत्तियों के क्रय करने का निर्णय लेना है। रोकड़ बजट रोकड़ की लगभग सही आवश्यकता का पूर्वानुमान लगाकर रोकड़ आधिक्य या रोकड़ कमी की स्थिति की दर्शाता है। उसकी सहायता से प्रबन्धक स्थायी सम्पत्तियों को क्रय करने या क्रय न करने का सही निर्णय ले सकता है।


4. अनावश्यक व्ययों पर रोक - रोकड़ बजट की सहायता से उपलब्ध रोकड़ का पूर्वानुमान लगाकर भावी रोकड़ भुगतानों को नियंत्रित करने के लिए अनावश्यक या व्यर्थ व्ययों पर रोक लगाई जा सकती है। इस प्रकार रोकड़ बजट रोकड़ के सही उपयोग में सहयोग करता है।


5. नकद छूट - रोकड़ बजट से अगर यह ज्ञात होता है कि भावी निश्चित समयावधि में आधिक्य रोकड़ शेष उपलब्ध होगा तो ऐसी दशा में बड़ी मात्रा में माल करके व उसका भुगतान नकद करके नकद छूट प्राप्त की जा सकती है।


6. आधिक्य रोकड़ का उचित विनियोग - रोकड़ बजट द्वारा प्रदर्शित आधिक्य रोकड़ की मात्रा के आधार पर वित्तीय प्रबन्धक इस आधिक्य रोकड़ शेष को उचित प्रकार से विनियोग करके आय प्राप्त कर सकता है।


7. रोकड़ नियंत्रण में सहायक - रोकड़ बजट रोकड़ नियंत्रण में सहायता करता है। रोकड़ बजट में पूर्वानुमानित रोकड़ प्राप्तियों एवं भुगतानों की तुलना वास्तविक रोकड़ प्राप्तियों एवं भुगतानों से करके विचलन ज्ञात किए जा सकते हैं। नकारात्मक विचलनों की दशा में इनके कारणों का पता लगाकर भविष्य में इनके दोहराव को रोका जा सकता है।


8. लाभांश नीति निर्धारण में सहायक - रोकड़ बजट का एक महत्वपूर्ण लाभ यह भी है कि इससे लाभांश नीति निर्धारण में सहायता मिलती है। लाभांश भुगतान के लिए पर्याप्त लाभों के साथ साथ पर्याप्त मात्रा में रोकड़ का होना भी जरूरी होता है। इसकी सही जानकारी रोकड़ बजट से ही प्राप्त की जा सकती है। अगर रोकड़ बजट से रोकड़ प्राप्तियां पर्याप्त मात्रा में रोकड़ भुगतानों से अधिक है तो प्रबन्ध नियमित रूप से व ऊंची लाभांश दर से नकद लाभांश का भुगतान कर सकता है जबकि इसके विपरीत स्थिति में लाभांश भुगतान अनुपात को कम ही रखना पड़ेगा या लाभांश का भुगतान नक़्फ़ में नही किया जा सकेगा। 

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