समता अंश और इसकी विशेषताएं क्या है


हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम समता अंश और इसकी विशेषताओं के बारे में जानेंगें।



समता अंश (Equity Shares)

समता अंशों को साधारण अंश भी कहते है। समता अंश कंपनी की स्वामित्व पूंजी को दर्शाते हैं। समता अंश कंपनी के वास्तविक स्वामी होते है। समता अंशधारियों को कंपनी की सीमाओं में उपस्थित होकर मत देने का अधिकार होता है। इसके साथ साथ समता अंशधारियों को उपलब्ध लाभों व सम्पत्तियो में से अपना हिस्सा प्राप्त करने का भी अधिकार होता है। कंपनी में समता अंशधारियों को जोखिम अन्य प्रकार के अंशधारियों व ऋणपत्रधारियों की तुलना में अधिक होता है। समता अंशधारियों को लाभांश का भुगतान पूर्वाधिकार अंशधारियों को लाभांश का भुगतान करने के बाद शेष लाभों में से किया जाता है तथा इस लाभांश भुगतान की दर भी निश्चित नही होती है।




What is Equity Shares and Characteristics or Features in Hindi
What is Equity Shares and Characteristics or Features in Hindi




अगर कंपनी में किसी वर्ष अधिक लाभ होते है तो समता अंशधारियों को ऊंची दर से लाभांश का भुगतान कर दिया जाता है और अगर किसी वर्ष पर्याप्त लाभ न हो तो इन्हें कोई लाभांश नही दिया जाता है। इसी प्रकार कंपनी के समापन की दशा में यद्यपि समता अंशधारियो को कंपनी की सम्पत्तियो पर दावा करने का अधिकार होता है परंतु कंपनी की सम्पत्तियो में से अन्य सभी प्रकार के दावों का भुगतान करने के बाद ही शेष राशि मे से इन्हें भुगतान किया जा सकता है।



समता अंशों की विशेषताएं या लक्षण (Characteristics or Features of Equity Shares)

1. कंपनी के नियंत्रण का अधिकार - समता अंशधारी कंपनी के स्वामी होते है, इसलिए इन्हें कंपनी को नियंत्रित करने का पूरा अधिकार होता है। इनका कंपनी पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण होता है। समता अंशधारी कंपनी की सीमाओं में उपस्थित होकर संचालक मंडल का चयन करने के लिए मतदान के अधिकारी होते है और यही संचालक मंडल आगे चलकर कंपनी की मुख्य नीतियों व नियमों का निर्धारण करते हैं। अतः कंपनी को संचालित करने वाले संचालक समता अंशधारियो के प्रतिनिधितत्वकर्ता होते है।



2. क्रय किए गए अंशों के मूल्य तक सीमित दायित्व - समता अंशधारियों का दायित्व उनके द्वारा क्रय किए गए अंशों के मूल्य तक सीमित होता है। अगर समता अंशधारी ने अपने अंशों पर सारी धनराशि चुका दी है तो कंपनी के समापन के समय भी उससे क्रय किए गए अंशों के मूल्य से अधिक राशि नही मांगी जा सकती है।


3. शेष आय पर दावे के अधिकार - समता अंशधारी को कंपनी द्वारा कमाई जाने वाली आय में से ब्याज, कर व पूर्वाधिकार अंशधारियों को लाभांश का भुगतान करने के बाद शेष बची हुई आय में से अपना हिस्सा प्राप्त करने का अधिकार होता है। इस शेष आय में से कितना हिस्सा समता अंशधारियों की वितरित किया जाए यह कंपनी के संचालक मंडल के निर्णय पर निर्भर करता है।



4. शेष सम्पत्तियों पर दावे के अधिकार - कंपनी की समता अंशधारियों को कंपनी के समापन की दशा में, सम्पत्तियों का विक्रय करने से प्राप्त हुई राशि मे से ऋणपत्रधारियों व पूर्वाधिकार अंशधारियों को भुगतान करने के बाद शेष राशि मे से अपना हिस्सा प्राप्त करने का अधिकार होता है। सम्पत्तियों के विक्रय से प्राप्त हुई कुल राशि मे से सबसे पहले ऋणपत्रधारियों व इसके बाद पूर्वाधिकार अंशधारियों को पूरा भुगतान करने के बाद अगर शेष कोई राशि बचती है तो उस पूरी राशि पर समता अंशधारी दावा कर सकते है।



5. अधिकार अंशों सम्बन्धी अधिकार - समता अंशधारियो को उनके आनुपातिक स्वामित्व की सुरक्षा प्रदान करने के लिए अधिकार अंशों सम्बन्धी पूर्वाधिकार प्राप्त होता है। इस अधिकार के अनुसार समता अंशधारियों को कंपनी द्वारा किए गए नए अंशों के निर्गमन को खरीदने का पूर्वाधिकार प्रदान किया जाता है। इस प्रकार के अंशों को अधिकार अंश कहते है। समता अंशधारियों को अधिकार अंशों का निर्गमन का प्रस्ताव उनके द्वारा वर्तमान में धारण किए गए कुल अंशों के अनुपात में ही किया जाता है। 

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