Preference Shares in the Subsidiary Company in Hindi


हेलो फ्रेंड्स।

आज हम सहायक कंपनी में पूर्वाधिकार अंश के बारे में समझेंगे।


सहायक कंपनी में पूर्वाधिकार अंश (Preference Shares in the Subsidiary Company)

सहायक कंपनी में पूर्वाधिकार अंशों का अध्यन निम्न प्रकार से किया जा सकता है :

1. अगर सूत्रधारी कंपनी में सहायक कंपनी के पूर्वाधिकार अंश क्रय किए हुए है, तो ऐसी स्थिति में सूत्रधारी कंपनी द्वारा सहायक कंपनी के पूर्वाधिकार अंशों के लिए उनके अंकित मूल्य से अधिक या इम मूल्य चुकाया गया होगा। अगर सूत्रधारी कंपनी इन अंशों को खरीदने के लिए इनके अंकित मूल्य से अधिक मूल्य चुकाती है तो अंकित मूल्य से चुकाए गए अधिक मूल्य को ख्याति या नियंत्रण की लागत कहते है। इसके विपरीत अगर सूत्रधारी कंपनी ने इन अंशों को खरीदने के लिए इनके अंकित मूल्य से कम मूल्य चुकाया है तो अंतर की राशि को पूंजीगत लाभ मानकर एकीकृत स्थिति विवरण में पूंजीगत संचय के रूप में प्रकट किया जाता है।




Preference Shares in the Subsidiary Company in Hindi
Preference Shares in the Subsidiary Company in Hindi





2. अगर सहायक कंपनी के पूर्वाधिकार अंशों का कुछ भाग बाह्य व्यक्तियो के पास पूर्वाधिकार अंशों के चुकता मूल्य को तथा एकीकरण की तिथि तक इन पर देय लाभांश को अल्पमत हित मे जोड़ दिया जाएगा।


3. यह बात ध्यान रहे कि सर्वप्रथम सहायक कंपनी के लाभों में से समस्त पूर्वाधिकार अंशों पर देय लाभांश को घटाया जाता है। इसके बाद शेष लाभ को सूत्रधारी कंपनी और अल्पमत अंशधारियों में उनके पास मौजूद समता अंशों कर अनुपात में बांट दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त कुल पूर्वाधिकार लाभांश को भी सूत्रधारी कंपनी एवम अल्पमत अंशधारियों में उनके पास मौजूद पूर्वाधिकार अंशों के अनुपात में बांट दिया जाएगा।



4. जैसा कि हम जानते है कि पूर्वाधिकार अंश प्रायः संचयी होते है। इसलिए अगर सहायक कंपनी के पूर्वाधिकार अंशों पर कोई लाभांश बकाया है और सहायक कंपनी कर लाभ इस बकाया लाभांश को देने के लिए पर्याप्त नही है तो ऐसी स्थिति में सहायक कंपनी के विद्यमान संचयों में से इसके लिए प्रावधान बनाना चाहिए। बकाया पूर्वाधिकार लाभांश में अल्पमत अंशधारियों के हिस्से को उनके हितों में जोड़ देना चाहिए। पर यह ध्यान देने वाला विषय है की अगर सहायक कंपनी के पास न तो कोई संचय है और न ही लाभ हानि खाते का क्रेडिट शेष है, तो ऐसी दशा में पूर्वाधिकार अंशों पर बकाया लाभांश के लिए कोई प्रावधान नही किया जाएगा।




सहायक कंपनी से प्राप्त अंतरिम लाभांश 
(Interim Dividend Received from the Subsidiary Company)

अगर कोई सहायक कंपनी वर्ष के दौरान अंतरिम लाभांश का भुगतान करती है और सूत्रधारी कंपनी द्वारा उस सहायक कंपनी के अंश चालू वर्ष के दौरान क्रय किए गए हो, तो ऐसी दशा में सहायक कंपनी द्वारा दिए गए अंतरिम लाभांश को समय अवधि के आधार पर क्रय के पूर्व की अवधि और क्रय के बाद कि अवधि में बांट देना चाहिए।


क्रय के पूर्व की अवधि के अंतरिम लाभांश को सहायक कंपनी के क्रय के पूर्व की अवधि के लाभों में से घटा देना चाहिए। इसके विपरीत क्रय के बाद कि अवधि के अंतरिम लाभांश को सहायक कंपनी के क्रय के बाद की अवधि के लाभों में से घटा देना चाहिए।


इसके बाद क्रय के पूर्व की अवधि के अंतरिम लाभांश में सूत्रधारी कंपनी के हिस्से को एक तरफ तो सूत्रधारी कंपनी के लाभ हानि कहते में से घटा देना चाहिए तथा दूसरी तरफ सहायक कंपनी के क्रय किए गए अंशों के डेबिट शेष में से घटा देना चाहिए। 

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