Advantages of Adequate Working Capital in hindi


हेलो दोस्तों।

आज हम पर्याप्त कार्यशील पूंजी के लाभ के बारे में जानेंगें।


पर्याप्त कार्यशील पूंजी के लाभ (Advantages of Adequate Working Capital)

पर्याप्त मात्रा में कार्यशील पूंजी होने के मुख्य लाभ निम्नलिखित है :

1. प्रबन्धकीय कुशलता में सुधार - पर्याप्त मात्रा में कार्यशील पूंजी होने के कारण प्रबंधकों को दैनिक व्यावसायिक क्रियाएं करने के लिए समय पर राशि उपलब्ध हो जाती है और व्यवसाय का संचालन बिना किसी रुकावट के निरन्तर चलता रहता है। इसके परिणामस्वरूप प्रबन्धको को लगन के साथ काम करने की प्रेरणा मिलती है जिससे प्रबन्धकीय कुशलता में सुधार होता है।




Advantages of Adequate Working Capital in hindi
Advantages of Adequate Working Capital in hindi





2. नकद छूट की प्राप्ति - अगर संस्था में पर्याप्त मात्रा में कार्यशील पूंजी हो तो कच्चा माल सही समय पर एवं अधिक मात्रा में एक साथ नकद क्रय करके नकद छूट का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।


3. कच्चे माल की निरन्तर प्राप्ति - अगर कार्यशील पूंजी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो तो निर्माण कार्य मे प्रयोग होने वाला कच्चा माल सही समय पर प्राप्त करने में सुविधा रहती है। इसका कारण यह है कि कच्चे माल के क्रय के लिए पूर्तिकर्ताओं को उचित समय पर भुगतान कर दिया जाता है।


4. उपलब्ध अवसरों से लाभ प्राप्ति - बहुत बार व्यावसायिक संस्थाओं को व्यावसायिक को लाभ प्राप्त करने के सुअवसर मिलते है जैसे वर्तमान समय मे कम कीमत पर कच्चे माल की प्राप्ति, अधिक मात्रा में निर्मित माल की पूर्ति के आर्डर आदि। परन्तु इन अवसरों का लाभ केवल तभी उठाया जा सकता है जब संस्था के पास पर्याप्त मात्रा में कार्यशील पूंजी उपलब्ध हो।


5. स्थायी सम्पत्तियों का अधिकतम व निरन्तर उपयोग - एक संस्था कार्यशील पूंजी की पर्याप्त मात्रा बनाए रखकर अपनी स्थायी सम्पत्तियों का अधिकतम व निरन्तर उपयोग कर सकती है जैसे पर्याप्त कार्यशील पूंजी के कारण सही समय पर व निरन्तर कच्चा माल प्राप्त होने से निर्माण कार्य निरन्तर चलता रहता है और मशीनों को निरन्तर व अधिकतम कार्यक्षमता तक उपयोग करना सम्भव हो जाता है।


6. लाभांश भुगतान में निरंतरता - पर्याप्त मात्रा में कार्यशील पूंजी होने का एक अन्य महत्वपूर्ण लाभ यह है कि कंपनी अपने अंशधारियो को निरन्तर लाभांश का भुगतान कर पाती है। इससे अंशधारियो का कंपनी के प्रति विश्वास सदैव बना रहता है।


7. अधिक साख निर्माण - पर्याप्त कार्यशील पूंजी होने से संस्था अपने अल्पकालीन दायित्वों का सही समय पर भुगतान करने में सक्षम होती है जिसके कारण संस्था की वित्तीय स्थिरी सुदृढ़ बनती है और उसके साख निर्माण की क्षमता का विस्तार होता है।


8. बैंकों से वित्तीय सहायता - पर्याप्त मात्रा में कार्यशील पूंजी होने से संस्था को यह लाभ होता है कि उसे बैंकों। से सुगमतापूर्वक व आसान शर्तों पर वित्तीय सहायता प्राप्त हो पाती है, क्योकि जिन संस्थाओं के पास पर्याप्त कार्यशील पूंजी होती है उन्हें बैंक असुरक्षित ऋण प्रदान करने में भी संकोच नही करते है।


9. आकस्मिक समस्याओं का सामना करने में सहायक - पर्याप्त मात्रा में कार्यशील पूंजी होने से संस्था को व्यवसाय में उतपन्न होने वाली आकस्मिक समस्याओं का सामना करने में सहायता प्राप्त होती है। 

Post a Comment