Over the Counter Exchange of India की विशेषताएं


हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम over the counter exchange of india की विशेषताएं के बारे में जानेंगें।


over the counter exchange of india (OTCEI) की स्थापना वर्ष 1990 में कई गयी। यह एक मान्यता प्राप्त स्कंध विपन्नी है OTCEI की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित है -

1. लेन देन की पारदर्शिता - OTCEI में प्रतिभूतियों का लेन देन अधिक पारदर्शक होता है। इसके अंतर्गत कोई भी निवेशकर्ता प्रतिभूतियों की कीमत को कम्प्यूटर स्क्रीन पर देखकर प्रतिभूतियों का क्रय विक्रय कर सकता है।




Over the Counter Exchange of India की विशेषताएं
Over the Counter Exchange of India की विशेषताएं




2. नई तकनीक का प्रयोग - OTCEI की एक अन्य विशेषता यह है कि इसमें नई तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इसके अंतर्गत प्रतिभूतियों का क्रय विक्रय करने वाले दोनों पक्षकारों को व्यापार के स्थान पर व्यक्तिगत रूप से पहुंचने की जरूरत नही होती है बल्कि वे अपने अपने स्थान से कम्प्यूटर के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिकली प्रतिभूतियों का लेन देन कर सकते है।


3. स्वंयचालित स्क्रीन आधारित व्यापार - OTCEI भारत का पहला ऐसा स्कंध विपन्नी है जिसमे प्रतिभूतियों का लेन देन स्वयंचालित स्क्रीन आधारित पद्धति से किया जाता है। इसके अंतर्गत निवेशकर्ता को दलालों के माध्यम से कार्यालय पर रखे कम्प्यूटर की स्क्रीन पर ऑनलाइन सभी जानकारियां प्राप्त हो जाती है।


4. राष्ट्र व्यापी सूचीबद्धता - कंपनी की प्रतिभूतियों की OTCEI पर करवाई गई सूचीबद्धता पूरे राष्ट्र में मान्य है। OTCEI पर सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के निवेशकर्ता पूरे भारत देश मे किसी भी स्थान पर इन प्रतिभूतियों का लेन देन स्वतन्त्रतापूर्वक कर सकते है।


5. प्रयोजक्ता - जो कम्पनियां OTCEI पर अपनी प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध कराना चाहती है, उन्हें OTCEI के किसी सदस्य से सम्पर्क करना होगा जो उनकी प्रतिभूतियों के लिए प्रायोजक के रूप में कार्य करेगा। प्रायोजक कंपनी से एक ठहराव करेगा और वह कंपनी की विभिन्न प्रतिभूतियों के लिए क्रय एवं विक्रय मूल्य प्रदान करने के लिए उत्तरदायी होगा।


6. Bought-out-Deals - प्राथमिक पूंजी बाजार में प्रतिभूतियों का सार्वजनिक निर्गमन करने के लिए बहुत सी औपचारिकताओं को पूरा करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त इसमें अधिक समय, प्रातः 3 से 4 महीने लग जाते है। परन्तु अगर कोई कंपनी प्रतिभूतियों के निर्गमन से शीघ्रतापूर्वक वित्त प्राप्त करना चाहती है तो उसे OTCEI के एक सदस्य से सम्पर्क करना चाहिए जो एक प्रायोजक के रूप में कंपनी के कुल अंश निर्गमन को क्रय कर लेगा। इसके बाद प्रायोजक विक्रय के प्रस्ताव की सहायता से सभी अंश जनता को विक्रय कर देगा।


7. प्रतिस्पर्धा का वातावरण -  प्रायोजक सदस्य कंपनी प्रतिभूति के लिए क्रय एवं विक्रय दोनों के लिए अलग अलग मूल्य देने के लिए उत्तरदायी होगा। बाजार में अन्य प्रायोजक भी होते है, जो Two-way Quotes देते है। इसमें विभिन्न प्रायोजकों के बीच प्रतिस्पर्धा का वातावरण उतपन्न होता है जिससे प्रतिभूतियों के मूल्य उचित रहते है और क्रय तथा विक्रय मूल्यों के बीच अंतर कम रहता है। 

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