Product Planning in International Marketing and its Importance in Hindi


हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में हम अन्तराष्ट्रीय विपणन में उत्पाद नियोजन और इसके महत्व के बारे में जानेंगें


अन्तराष्ट्रीय विपणन में उत्पाद नियोजन (Product Planning in International Marketing)

उत्पाद नियोजन दो शब्दों से मिलकर बना है उत्पाद + नियोजन। उत्पाद से तात्पर्य उपभोक्ता सन्तुष्टि की सभी वस्तुओं तथा सेवाओं से है तथा नियोजन से तात्पर्य किसी कार्य को प्रारम्भ करने से पहले बनाई जाने वाली योजना से है। इस प्रकार उत्पाद नियोजन उपभोक्ता की इच्छाओं एवं आवश्यकताओं को जानने तथा उनके अनुसार योजना बनाकर उत्पाद को उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने की कला है।




अन्तराष्ट्रीय विपणन में उत्पाद नियोजन और इसका महत्व
अन्तराष्ट्रीय विपणन में उत्पाद नियोजन और इसका महत्व





इसके अंतर्गत यह निर्णय लिया जाता है कि भविष्य में फर्म के कौन कौन से उत्पाद बाजार में भेजे जाएंगे। जब यह निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर लिया जाता है तो उसे राष्ट्रीय उत्पाद नियोनन कहते है और जब यह निर्णय अन्तराष्ट्रीय स्तर पर लिया जाता है तो उसे अन्तराष्ट्रीय उत्पाद नियोजन कहा जाता है।

उत्पाद का अर्थ और विशेषताएं


अन्तराष्ट्रीय विपणन में उत्पाद नियोजन का महत्व (Importance of Product Planning in International Marketing)

अन्तराष्ट्रीय बाजार में उत्पाद नियोजन बहुत ही जरूरी है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पंचवर्षीय योजनाओं का निर्माण किया है जिसके परिणामस्वरूप अब भारतीय कंपनियां भी विदेशी बाजारों में अपना प्रभुत्व स्थापित करने की सोच रही है क्योंकि विदेशी बाजारों के आकार बहुत बड़ा है और उपभोक्ताओं की संख्या भी अधिक है। अतः अन्तराष्ट्रीय बाजार में एक निर्यातक के लिए उत्पाद नियोजन के महत्व का वर्णन इस प्रकार है :

1. प्रतियोगिता का सामना करने में सहायक - अन्तराष्ट्रीय स्तर पर एक निर्यातकर्ता को अनेक प्रतियोगिताओं का सामना करना पड़ता है। वास्तव में विदेशी बाजार में एक निर्यातक त्री-स्तरीय प्रतियोगिता का सामना करता है। अगर वह अपने उत्पाद में अन्तराष्ट्रीय वातावरण के अनुरूप परिवर्तन करके उन्हें बेचता है उसे अधिक लाभ प्राप्त होंगे। इस प्रकार अन्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता का सामना करने के लिए उत्पाद नियोजन करना अनिवार्य है।


2. बेहतर मूल्य की प्राप्ति - प्रत्येक विदेशी क्रेता अपने धन का बेहतर मूल्य चाहता है। वह चाहता है कि जितना उसने भुगतान किया है वह उससे ज्यादा प्राप्त करे। यह उत्पाद नियोजन द्वारा ही सम्भव है। उत्पाद नियोजन में निर्यातक उपभोक्ता की आवश्यकताओं एवं इच्छाओं के अनुरूप उत्पाद का निर्माण करके उसे सन्तुष्टि प्रदान करता है।


3. प्रबन्धकीय कुशलता का परिचायक - अन्तराष्ट्रीय विपणन में उत्पाद नियोजन प्रबन्धकीय कुशलता का प्रतीक है। अन्तराष्ट्रीय स्तर पर अगर कोई संस्था उत्पाद नियोजन की प्रक्रिया को नही अपनाती है तो इसे उत्पाद नियोजन की कमी कहा जाता है।


4. उपभोक्तावाद आंदोलन - उपभोक्तावाद आंदोलनों में वृद्धि होने के कारण प्रत्येक उपभोक्ता अपने अधिकारों के प्रति सचेत हो गया है जिसके परिणामस्वरूप प्रत्येक देश के विपणनकर्ता का यह दायित्व है कि वह अपने उत्पाद नियोजन की ओर विशेष ध्यान दे।


5. उत्पाद विभेदीकरण - साधारणतया सभी उत्पाद विभिन्न देशों के उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं को समान रूप से संतुष्ट नही कर सकते। अतः इसी अन्तराष्ट्रीय विभिन्न्ता के कारण प्रत्येक देश के विपणनकर्ता अपने उत्पाद को विभिन्न रूप प्रदान करने का प्रयत्न करते है जिसे उत्पाद विभेदीकरण का नाम दिया जाता है।


6. लाभदायकता की निश्चितता - अन्तराष्ट्रीय व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना होता है और अन्तराष्ट्रीय उत्पाद नियोजन व्यवसाय के लाभों को सुनिश्चित करता है। उत्पाद नियोजन के द्वारा विपणनकर्ता अपने उत्पादों को नवीनता प्रदान कर उपभोक्ता सन्तुष्टि के स्तर को बनाए रखता है जिससे विक्रय तथा लाभों में वृद्धि होती है। 

Post a Comment