Press Advertising and its Types Merits and Limitations in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में हम प्रैस विज्ञापन का अर्थ और इसके प्रकार और लाभों तथा सीमाओं के बारे में जानेंगे।


प्रैस विज्ञापन (Press Advertising)

प्रैस विज्ञापन का अर्थ वस्तुओं एवं सेवाओं के बारे में समाचार पत्र, पत्रिकाओं में जानकारी प्रकाशित करवाने से है, जिसे सैंकड़ों व्यक्तियों द्वारा पढ़ा तथा सुना जाता है। विज्ञापन की यह विधि अधिक प्रभावकारी तथा लोकप्रिय है। प्रैस विज्ञापन की शिक्षित समुदाय से सम्भावित ग्राहकों तक सन्देश पहुंचाने का सर्वाधिक मितव्ययी, प्रभावी तथा लोचपूर्ण माध्यम माना जाता है।




प्रैस विज्ञापन का अर्थ और इसके प्रकार और लाभों तथा सीमाओं के बारे में जानकारी
प्रैस विज्ञापन का अर्थ और इसके प्रकार और लाभों तथा सीमाओं के बारे में जानकारी





प्रैस विज्ञापन के भाग 

प्रैस विज्ञापन को निम्न दो भागों में विभक्त किया जा सकता है :

1. समाचारीय विज्ञापन - समाचार पत्र सभी प्रकार की वस्तुओं एवं सेवाओं के विज्ञापन के लिए एक उपयुक्त माध्यम है। समाचार पत्र विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित किए जाते है। विज्ञापन का यह माध्यम अत्यंत सशक्त एवं लोकप्रिय है। विश्व स्तर पर निर्यात विपणन के लिए अनेक उच्च स्तर के समाचार पत्र व पत्रिकाएं जैसे न्यूयॉर्क टाइम्स, प्रावदा, वाशिंगटन पोस्ट आदि उपलब्ध है। ये समाचार पत्र अब इंटरनेट आदि पर भी उपलब्ध है। विश्व के अनेक देशों में इन समाचार पत्रों को पढा जाता हैम समचारपत्रीय विज्ञापन वर्गीकृत तथा अवर्गीकृत दोनो प्रकार के होते है। वर्गीकृत विज्ञापन छोटा होता है। इसके अंतर्गत वस्तु का नाम, उसकी विशेषताएं तथा मिलने का पता संक्षिप्त के दिया होता है जबकि अवर्गीकृत विज्ञापन किसी भी वस्तु के सम्बंध में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करते है। इनका आकार बड़ा होता है।

अन्तराष्ट्रीय विज्ञापन जाने


समचारपत्रीय विज्ञापन के गुण (Merits of Newspaper Advertising)

समाचार पत्र के माध्यम से विज्ञापन करने के निम्नलिखित लाभ है :

(i) यह विज्ञापन का सबसे सस्ता साधन है। इसके द्वारा कम लागत में बहुत अधिक ग्राहकों से सम्पर्क बनाया जा सकता है।


(ii) समाचार पत्रों का क्षेत्र बहुत ही विस्तृत होता है।


(iii) समाचार पत्र विज्ञापन का लोचशील माध्यम है। इनमें अंतिम क्षणों तक आसानी से परिवर्तन किया जा सकता है।


(iv) समाचार पत्रों के माध्यम से विज्ञापनकर्ता का संदेश अतिशीघ्र लक्षित श्रोताओं तक भेजा जा सकता है।



समचारपत्रीय विज्ञापन के दोष (Demerits of Newspaper Advertising)

समचारपत्रीय विज्ञापन की निम्न सीमाएं है :

(i) समाचार पत्रों में दिए गए विज्ञापनों का जीवनकाल बहुत छोटा होता है। प्रतिदिन समाचार पत्र पाठकों के पास आता है जिससे वे पुराने समाचार पत्रों को नही पढ़ते।


(ii) समाचार पत्रों में दिए गए विज्ञापनों की क्वालिटी, रंग, डिज़ाइन, अखबारी कागज की किस्म आदि घटिया होते है।


(iii) प्रायः समाचार पत्रों के पाठक इनमें दिए गए विज्ञापनों की उपेक्षा कर जाते है, जिससे विज्ञापन का उद्देश्य पूरा नही होता। इसके नियमित पाठक भी कम होते है।


(iv) समाचार पत्रों के दिया गया विज्ञापन समाज के केवल शिक्षित वर्ग तक ही पहुंचता है जबकि अशिक्षित रंग, गरीब तथा बच्चों तक यह विज्ञापन नही पहुंचता।



2. पत्रिका विज्ञापन - पत्रिका विज्ञापन भी प्रैस विज्ञापन के अंतर्गत ही आता है। पत्रिकाएं दैनिक समाचार पत्रों से अलग होती है। इन पत्रिकाओं का प्रकाशन एक नियमित समय अंतराल पर होता है जैसे साप्ताहिक, मासिक, त्रैमासिक आदि। रुचि एवं सामग्री के अनुसार भी ये पत्रिकाएं साहित्यिक, धार्मिक, वैज्ञानिक, राजनैतिक, आर्थिक तथा वाणिज्यिक होती है। ये पत्रिकाएं दो प्रकार की होती है सामान्य और विशिष्ट।



पत्रिका विज्ञापन के गुण (Merits of Magazine Advertising)

पत्रिका विज्ञापन के गुणों का वर्णन इस प्रकार है :

(i) समाचार पत्रों की तुलना में मैगज़ीन का जीवन काल अधिक होता है।


(ii) इन पत्रिकाओं में बढ़िया किस्म के कागज का प्रयोग किया जाता है जिससे मैगजीन में दिए गए विज्ञापन अधिक आकर्षक दिखते है।


(iii) पत्रिकाओं के पाठक जनसामान्य की तुलना में अधिक प्रबुद्ध होते है और अगर वह एक बार ग्राहक बज जाए तो सदैव के लिए ग्राहक बन जाते है।


(iv) कई पत्रिकाएं अन्तराष्ट्रीय स्तर की होती है। अतः ऐसी पत्रिकाओं में विज्ञापन देने से अन्तराष्ट्रीय ख्याति में वृद्धि होती है।



पत्रिका विज्ञापन के दोष (Demerits of the Magazine Advertising)

पत्रिका विज्ञापन के दोष इस प्रकार है :

(i) पत्रिका के द्वारा विज्ञापन कराने की लागत अपेक्षाकृत अधिक पड़ती है।


(ii) समाचार पत्रों की तुलना में पत्रिकाओं के पाठक कम होते है। अतः विज्ञापन के इस माध्यम का क्षेत्र सीमित होता है।


(iii) पत्रिकाओं का प्रकाशन निश्चित समय अंतराल के बाद होता है। अतः इनमें दिए जाने वाले विज्ञापनों में अंतिम क्षणों के परिवर्तन करना कठिन होता है।


(iv) पत्रिका विज्ञापन के समय के अनुसार या आवश्यक्तानुसार तत्काल विज्ञापन नही दिए जा सकते।

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