Role or Objectives or Importance of Advertising in Export Marketing in hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में हम निर्यात विपणन में विज्ञापन की भूमिका या उद्देश्य/महत्व के बारे में जानेंगे।


निर्यात विपणन में विज्ञापन की भूमिका या उद्देश्य/महत्व (Role or Objectives or Importance of Advertising in Export Marketing)

निर्यात विपणन में विज्ञापन की भूमिका या उद्देश्य/महत्व की व्याख्या निम्नलिखित तथ्यों से की जा सकती है :



निर्यात विपणन में विज्ञापन की भूमिका या उद्देश्य/महत्व
निर्यात विपणन में विज्ञापन की भूमिका या उद्देश्य/महत्व





1. विक्रयकर्ताओं के लिए सहायक - विज्ञापन का उद्देश्य विक्रयकर्ताओं को विक्रय कार्य मे सहयोग देना होता है जिसके परिणामस्वरूप विज्ञापन के बाद विक्रयकर्ताओं को विक्रय कार्य में विशेष कठिनाई नही उठानी पड़ती।


2. मांग सृजन करना - विज्ञापन का मुख्य उद्देश्य अन्तराष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पाद की मांग बढ़ाना है। बिना विज्ञापन के वस्तुओं का विक्रय अधिक मात्रा में नही किया जा सकता। इसी के माध्यम से नए क्षेत्रों तथा नए ग्राहकों में वस्तु की मांग बढ़ाई जा सकती है। विपणन के इस माध्यम से ही वस्तु का प्रचार शीघ्रता से किया जाता है।

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3. ख्याति में वृद्धि करना - विज्ञापन से वस्तुओं की बिक्री बढ़ने के साथ साथ संस्था की ख्याति में भी वृद्धि होती है जिससे विक्रयकर्ता आसानी से अपने ग्राहकों का विश्वास जीत सकता है।


4. प्रतियोगी विज्ञापनों को प्रभावहीन करना - अन्तराष्ट्रीय बाजारों में त्रिस्तरीय प्रतियोगिता पाई जाती है इसलिए विज्ञापन का उद्देश्य ऐसे सभी विज्ञापनों के प्रभाव को कम करना है जो प्रतियोगी संस्था द्वारा करवाए जा रहे हों। कई बार सामूहिक विज्ञापन देकर भी प्रतियोगी विज्ञापनों के प्रभाव को समाप्त किया जा सकता है।


5. ब्रांड वरीयता बनाना - किसी विशिष्ट ब्रांड के प्रति वरीयता बनाए रखने के उद्देश्य से भी विज्ञापन कराया जा सकता है ताकि उपभोक्ताओं द्वारा उसी ब्रांड को खरीदा जाए और प्रतिस्पर्धियों द्वारा अपने उत्पाद को बेचना कठिन हो जाए।


6. नई वस्तुओं की सूचना देना - विज्ञापन का उद्देश्य लोगों को विदेशी बाजार में उपलब्ध नई वस्तुओं और सेवाओं के बारे में जानकारी देना है तथा उन्हें उत्पाद क्रय करने के लिए प्रेरित करना है। अतः विज्ञापन व्यापारियों तथा संस्थाओं को उत्पाद के निर्माण तथा उसकी उपयोगिता आदि की जानकारी देता है तथा सामान्य जनता को इसका क्रय करने के लिए प्रेरित करता है।


7. परिवर्तनों के बारे में सूचित करना - विज्ञापन का अन्य उद्देश्य ग्राहकों को उत्पाद में हुए परिवर्तनों की जानकारी देना है। यह जानकारी उत्पाद के नए मॉडल तथा मूल्य में हुए परिवर्तनों आदि से सम्बंधित हो सकती है।


8. नए बाजारों के विकास करना - विज्ञापन का एक उद्देश्य नए बाजारों के सृजन या विकास करना भी होता है। विज्ञापन के द्वारा एक बाजार क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में पहुंचना सरल होता है इसलिए नए बाजारों के विकास आसानी से किया जा सकता है।


9. मध्यस्थों का चुनाव करना - वे वस्तुएं जो विदेशी जनता द्वारा बड़े पैमाने पर उपभोग की जाती है, उनके लिए मध्यस्थों का मिलना कठिन नही होता परंतु कुछ जैसे ट्रैक्टर, मशीन, औजार आदि के मध्यस्थों को खोजने के लिए निर्माता को विज्ञापन का सहारा लेना ही पड़ता है।


10. जोखिम में कमी - विज्ञापन उत्पादकों को जोखिम को कम करने में सहायता प्रदान करता है। जब कभी उत्पादक के द्वारा किसी नई वस्तु का उत्पादन किया जाता है तो विज्ञापन उस वस्तु की मांग उतपन्न करने में सहायता प्रदान करता है तथा यह पुरानी वस्तुओं की मांग को बढाने में भी सहायक है।


इन सब से स्पष्ट होता है कि विज्ञापन विपणन संचार की एक अव्यैक्तिक विधि है जिसके लिए प्रायोजक विज्ञापन माध्यमों को भुगतान करता है। 

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