Central Excise Tariff Act 1985 in Hindi
हेलो दोस्तों।
इस पोस्ट में केंद्रीय उत्पाद शुल्क टैरिफ अधिनियम 1985 के बारे में बात करेंगे।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क टैरिफ अधिनियम 1985 (Central Excise Tariff Act 1985)
उत्पाद शुल्क दायित्व निर्माण पर उदय होता है। एक बार जब दायित्व निर्धारित हो जाता है तब यह निर्धारित किया जाता है कितनी राशि उत्पाद शुल्क के रूप में चुकाई जाएगी। सबसे पहले यह निर्धारित किया जाता है कि किस दर से उत्पाद शुल्क चुकाया जाएगा। यह दर वर्गीकरण से ज्ञात की जाती है। इसके बाद यह ज्ञात किया जाता है कि किस मूल्य पर निर्धारित की गई दर से गणना की जाएगी। इस सम्बंध में केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम 1944 की धारा 4 में प्रावधान किए गए है।
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केंद्रीय उत्पाद शुल्क टैरिफ अधिनियम 1985 के बारे में जानकारी |
Central Excise Tariff Act 1985 (CETA) में वर्गीकरण International Concention of Harmonised System of Nomenclature (HSN) जिसे Harmonised Commodity Description and Coding System कहा गया है, पर आधारित है। अन्तराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में इस वर्गीकरण को विश्व के अधिकांश देशों ने मान्यता दी है।
1. प्रथम अनुसूची - इस अनुसूची में 96 अध्याय और 20 धाराएं है। यह अनुसूची मूल उत्पाद शुल्क का विवरण प्रदान करती है, जो विभिन्न वस्तुओं पर लगाए जाने योग्य है।
2. द्वितीय अनुसूची - द्वितीय अनुसूची ऐसे माल का वर्णन करती है जो विशिष्ट उत्पाद शुल्क लगाए जाने योग्य है। फिर भी 01.03.2006 से सभी माल को विशेष उत्पाद शुल्क से मुक्त कर दिया गया है।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क और इसकी विशेषताएँ जाने
3. तृतीय अनुसूची - ऐसा माल जो पैकिंग, पुनपैकिंग, लबेलिंग, पुनः लेबल लगाना, अधिकतम फुटकर मूल्य की घोषणा त परिवर्तन तथा उन माल का निर्धारण जो उन्हें बेचने योग्य बनाता है, का निर्धारण केंद्रीय उत्पाद शुल्क की धारा 2 (f) (iii) के अंतर्गत निर्माण के समक्षक माना जाता है।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क टैरिफ अधिनियम 1985 की प्रथम अनुसूची को 21 प्रमुख सेक्शन्स एवं उनके अंतर्गत 98 अध्यायों में बांटा गया है। जिनमे से अध्याय स. 97, 98 एवं 77 खाली रखे गए है और अध्याय 6, 10, 12 में कोई दर नही बताई गई है। इस प्रकार प्रभावी रूप में 91 ही अध्याय है। प्रत्येक खण्ड को माल के Broader Class of Goods के आधार पर बांटा गया है।
प्रत्येक सेक्शन को कईं अध्यायों में बांटा गया है, जहां प्रत्येक अध्याय में वर्ग विशेष के माल सम्मिलित किए गए है। जैसे सेक्शन 11 में कपड़ा एवं उससे सम्बन्धित उत्पाद को शामिल किया गया है। इस सेक्शन में अध्याय 50 स 63 तक के अध्याय शामिल किए गए है, जहां अध्याय 50 में सिल्क, अध्याय 51में ऊनी वस्त्र, अध्याय 52 में सूती वस्त्र को शामिल किया गया है। कुल मिलाकर विभिन्न 20 सेक्शन के लिए 96 अध्यायों की व्यवस्था की गई है।
1. प्रथम अनुसूची - इस अनुसूची में 96 अध्याय और 20 धाराएं है। यह अनुसूची मूल उत्पाद शुल्क का विवरण प्रदान करती है, जो विभिन्न वस्तुओं पर लगाए जाने योग्य है।
2. द्वितीय अनुसूची - द्वितीय अनुसूची ऐसे माल का वर्णन करती है जो विशिष्ट उत्पाद शुल्क लगाए जाने योग्य है। फिर भी 01.03.2006 से सभी माल को विशेष उत्पाद शुल्क से मुक्त कर दिया गया है।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क और इसकी विशेषताएँ जाने
3. तृतीय अनुसूची - ऐसा माल जो पैकिंग, पुनपैकिंग, लबेलिंग, पुनः लेबल लगाना, अधिकतम फुटकर मूल्य की घोषणा त परिवर्तन तथा उन माल का निर्धारण जो उन्हें बेचने योग्य बनाता है, का निर्धारण केंद्रीय उत्पाद शुल्क की धारा 2 (f) (iii) के अंतर्गत निर्माण के समक्षक माना जाता है।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क टैरिफ अधिनियम के खंड एवं अध्याय (Sections & Chapters)
केंद्रीय उत्पाद शुल्क टैरिफ अधिनियम 1985 की प्रथम अनुसूची को 21 प्रमुख सेक्शन्स एवं उनके अंतर्गत 98 अध्यायों में बांटा गया है। जिनमे से अध्याय स. 97, 98 एवं 77 खाली रखे गए है और अध्याय 6, 10, 12 में कोई दर नही बताई गई है। इस प्रकार प्रभावी रूप में 91 ही अध्याय है। प्रत्येक खण्ड को माल के Broader Class of Goods के आधार पर बांटा गया है।
प्रत्येक सेक्शन को कईं अध्यायों में बांटा गया है, जहां प्रत्येक अध्याय में वर्ग विशेष के माल सम्मिलित किए गए है। जैसे सेक्शन 11 में कपड़ा एवं उससे सम्बन्धित उत्पाद को शामिल किया गया है। इस सेक्शन में अध्याय 50 स 63 तक के अध्याय शामिल किए गए है, जहां अध्याय 50 में सिल्क, अध्याय 51में ऊनी वस्त्र, अध्याय 52 में सूती वस्त्र को शामिल किया गया है। कुल मिलाकर विभिन्न 20 सेक्शन के लिए 96 अध्यायों की व्यवस्था की गई है।
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