Payment of Duty Under Protest in Central Excise in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में उत्पाद शुल्क के विरोधित भुगतान के बारे में जानेंगे।


उत्पाद शुल्क का विरोधित भुगतान (Payment of Duty Under Protest)

कभी कभी ऐसा हो सकता है कि विभाग द्वारा किया गया माल का वर्गीकरण या शुल्क योग्य मूल्यांकन करदाता को स्वीकार्य न हो या वह उससे असहमत हो। ऐसी स्थिति में करदाता नियमानुसार अपीलीय उपचार प्राप्त करना उचित समझना है। अगर करदाता को अपीलीय अधिकारी से उत्पाद शुल्क के पहले भुगतान के विरोध में Stay नही प्राप्त होता है तो विभाग द्वारा निर्धारित उत्पाद शुल्क की राशि का विरोध के साथ भुगतान करना आवश्यक हो जाता है।



Payment of Duty Under Protest in Central Excise in Hindi
Payment of Duty Under Protest in Central Excise in Hindi




केंद्रीय उत्पाद शुल्क मैनुअल के भाग 3 के अनुसार इस सम्बंध में निम्नांकित प्रक्रिया अपनानी होती है :

1. करदाता सम्बन्धित सहायक/उप आयुक्त, केंद्रीय उत्पाद शुल्क को अपनी इस इच्छा के सम्बन्ध में कारण सहित लिखेगा।


2. ऐसे पत्र की तिथि सहित पावती प्राप्त करेगा जो कि विरोधित शुल्क भुगतान का साक्ष्य मानी जाएगी।


3. उपर्युक्त पत्र के बाद, करदाता अपनी अपील या पुनर्निरीक्षण के निर्णय से पहले शुल्क जमा करा सकता है।


4. करदाता उत्पाद शुल्क संबन्धी सभी विवरणियों, चालान, PLA Cenvat Credit A/c इत्यादि सभी लेखा पुस्तकों, प्रपत्रों में इस तथ्य का स्पष्ट उल्लेख करेगा कि शुल्क का भुगतान विरोध के अंतर्गत किया गया है।


करदाता अपनी अपील/पुनर्निरीक्षण पर अंतिम निर्णय के बाद अगर कोई शुल्क राशि वापस प्राप्त होनी है, तो उसके लिए पृथक से नियमानुसार अपना दावा प्रस्तुत करेगा, परन्तु ऐसे दावे पर Refund सम्बन्धी समय सीमा लागू नही होगी।



अनुचित लाभ का सिद्धान्त

अनुचित लाभ का सिद्धान्त एक न्यायपूर्ण एवं वंदनीय सिद्धान्त है। कोई भी व्यक्ति दो स्त्रोतों से शुल्क एकत्रित नही कर सकता है। रिफंड की दशा में निर्माता एक ओर क्रेता से उत्पाद वसूल करता है और दूसरी ओर उसे सरकार से रिफंड के रूप में प्राप्त नही कर सकता। इस प्रकार कोई भी निर्माता अनुचित लाभ नही उठा सकता है।


विधान न्यायालय का प्रयोग किसी व्यक्ति को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए नही किया जा सकता है। इसी सिद्धान्त की अनुपालना में यह अनिवार्य है कि रिफंड का दावेदार यह सिद्ध करे कि शुल्क का भार उसने किसी अन्य पक्ष को हस्तांतरित नही किया है।

उत्पाद शुल्क की मांग

उत्पाद शुल्क विभाग को यह मानने का अधिकार है कि शुल्क भार क्रेता पर डाल दिया गया हैं अनुचित लाभ का यह सिद्धान्त अनंतिम शुल्क भुगतान एवं विरोधित शुल्क भुगतान की दशा में लागू होता है।


विभिन्न न्यायालयों के निर्णय के अनुसार कच्चे माल/पूंजीगत माल के स्वयं प्रयोग की दशा में भी निर्माता को यह सिद्ध करना अनिवार्य है की शुल्क भार उसने आगे अंतरित नही किया है, यद्यपि इसका सिद्ध करना वास्तव में असम्भव है। 

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