Refund of Excise Duty in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में उत्पाद शुल्क वापसी के बारे में जानेंगे।


उत्पाद शुल्क की वापसी (Refund of Excise Duty)

कभी कभी करदाता द्वारा निम्नांकित स्थितियों में अतिरिक्त/अधिक उत्पाद शुल्क जमा कराना आवश्यक हो सकता है :


Refund of Excise Duty in Hindi
Refund of Excise Duty in Hindi




1. गणना सम्बन्धी त्रुटि के कारण


2. उत्पाद शुल्क विभाग द्वारा बलात शुल्क आरोपण


3. अनंतिम निर्धारण की दशा में


4. निर्यात सम्बन्धी छूट की प्राप्ति के लिए


5. विरोध के अंतर्गत उत्पाद शुल्क का भुगतान


6. अपील पूर्व उत्पाद शुल्क का जमा करने पर करदाता के पक्ष में वापसी जनक अपीलीय निर्णय


7. निर्यात की दशा में।



रिफंड आवेदन की समयावधि - केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम की धारा 11 B के अनुसार रिफंड के लिए आवेदन सम्बन्धित तिथि से एक वर्ष के अंदर दाखिल करना चाहिए। इसी धारा के स्पष्टीकरण B में सम्बन्धित तिथि से आशय निम्नांकित तिथि से है :

1. निर्यात की दशा में वह तिथि जिस तिथि को माल सहित जलपोत, वायुयान ने भारत से प्रस्थान किया है या माल वाहक ने भारतीय सीमा को छोड़ा हो।

2. Compounded Levy Scheme के अंतर्गत रजिस्टर्ड इकाई के लिए, ऐसे शुल्क में कमी की अधिसूचना की तिथि।


3. क्रेता द्वारा रिफंड की दशा में माल के क्रय की तिथि।


4. धारा 5 A (2) के अंतर्गत विशिष्ट शुल्क मुक्ति की दशा में सम्बन्धित अधिसूचना की तिथि।


5. अनंतिम निर्धारण की दशा में शुल्क भुगतान की तिथि में समायोजन आदेश की तिथि।


6. किसी न्यायालय या अपीलीय निर्णय से जनित रिफंड की दशा में सम्बन्धित निर्णय की तिथि।


7. अन्य किसी दशा में शुल्क भुगतान की तिथि।



समयावधि के अपवाद - निम्नांकित स्थितियों में रिफंड के लिए आवेदन की कोई समय सीमा नही है :

1. विरोधित शुल्क भुगतान की दशा में।


2. अपीलीय निर्णय से उतपन्न शुल्क वापसी की स्थिति में।


3. माल के छुड़ाने के लिए जमा कराई गई अस्थायी शुल्क राशि के रिफंड की दशा में।



उपभोक्ता संरक्षण कोष - केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम की धारा 12 C के अंतर्गत उपभोक्ता संरक्षण कोष की स्थापना की गई है। उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क एवं सेवा कर से सम्बंधित रिफंड आवेदनों पर निर्णय के बाद वापसी योग्य राशि सामान्यतः इस कोष में हस्तांतरित कर दी जाती है और करदाता को भुगतान नही की जाती है। इस कोष में संगृहीत राशि का प्रयोग निम्नांकित भुगतानों के लिए किया जा सकता है :

1. किसी पंजिकृत उपभोक्ता हितकारी एजेंसी, संगठन जो कि विशेषकर महिलाओं एवं अनुसूचित जाति/जनजाति के उपभोक्ताओं के कल्याणार्थ सक्रिय हो।

उत्पाद शुल्क का विरोधित भुगतान

2. जन उपभोग के लिए प्रयुक्त किसी वस्तु या सेवा के प्रमापीकरण से सम्बंधित अनुसन्धान में सक्रिय उद्योग/संस्थान।


3.  राज्य सरकार को उपभोक्ता कल्याणार्थ आर्थिक सहयोग।


4. उपभोक्ताओं को विधायी व्ययों की प्रतिपूर्ति के लिए इस कोष से आर्थिक सहयोग के लिए पात्र संस्थान द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन करने पर कोष की समिति उपर्युक्त भुगतान/सहयोग के लिए संस्तुति कर सकती है। 

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