Custom Duty in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में सीमा शुल्क के बारे में बताया गया है।


सीमा शुल्क (Custom Duty)

विदेशी व्यापार के अंतर्गत आयात एवं निर्यात पर लगाए जाने वाले कर को सीमा शुल्क कहते है। यह कर केंद्र सरकार द्वारा आरोपित एवं वसूल किया जाता है। सीमा शुल्क का केंद्रीय राजस्व एवं विदेशी व्यापार में महत्वपूर्ण स्थान है।


Custom Duty in Hindi
Custom Duty in Hindi



ऐतिहासिक दृष्टि से यह विश्व का सबसे पुराना शुल्क है। प्रारम्भ में विदेशी व्यापार के लाभ पर लगाया जाता था, परन्तु वर्तमान में उत्पाद शुल्क की भांति वस्तुओं के मूल्य पर लगाया जाता है। देश मे आयात की गई वस्तुओं पर आयात शुल्क एवं निर्यात की गई वस्तुओं पर निर्यात शुल्क लगाया जाता है।


सीमा शुल्क दो आधारों पर लगाया जा सकता है :

1. मूल्यनुसार - इसमें वस्तु के मूल्य को आधार मानकर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में शुल्क लगाया जाता है।


2. विशिष्ट शुल्क - इस प्रणाली के अंतर्गत वस्तु के आकार, लम्बाई, चौड़ाई, वजन आदि के आधार पर शुल्क लगाया जाता है।



भारत मे सीमा शुल्क का इतिहास

भारत में सबसे पहले The Sea Customs Act 1878 एवं Indian Tariff Act 1894 लागू किए गए। इसके बाद The Land Customs Act 1924 एवं The Aircraft Act 1934 लागू किए गए। इन सभी अधिनियमों को एक समेकित अधिनियम सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के नाम से 1 फरवरी 1963 से लागू किया गया। Indian Tariff Act 1894 का स्थान The Tarifr Act 1934 ने ले लिया जो बाद में गहन परिवर्तन के बाद The Customs Tariff Act 1975 के रूप में 2.8.1976 में समस्त भारत मे लागू हो गया।



सीमा शुल्क भार की परिस्थितियां

1. सीमा शुल्क का उपभोक्ता पर भार - वस्तु की मांग बेलोचदार होने पर, वस्तु की पूर्ति लोचदार होने पर।


2. सीमा कर का उत्पादक पर भार - वस्तु की मांग लोचदार होने पर, वस्तु की पूर्ति बेलोचदार होने पर।


अतः सीमा शुल्क का भार उपभोक्ता या उत्पादक पर मांग और पूर्ति की आपसी शक्तियों के आधार पर निश्चित होता है। सामान्यतः यह भार उपभोक्ता को ही सहन करना होता है।



निर्यात शुल्क

(i) निर्यात शुल्क प्रायः लगाया ही नही जाता है।


(ii) सीमा शुल्क में इसका अंशदान महत्वपूर्ण नही है।


(iii) वित्तीय आवश्यकता के लिए 1857 में इसमें वृद्धि की गयी।


(iv) 1867 के इसे हटा दिया गया एवं 1914 में केवल चावल पर लगाया गया।


(v) 1946 में इसे पुनः अनेक वस्तुओं पर लगाया गया।


(vi) वर्तमान में कुछ वस्तुओं जैसे चमड़ा, हड्डी, खाल आदि पर लगाया जाता है।

केंद्रीय उत्पाद शुल्क जाने

आयात शुल्क

(i) आयात शुल्क सीमा शुल्क में महत्वपूर्ण स्त्रोत है।


(ii) प्राचीन काल से ही लगाया जाता रहा है।


(iii) आयात शुल्क का उद्देश्य आय प्राप्ति के साथ साथ घरेलू उद्योग को संरक्षण देना भी रहा है।


(iv) आयात शुल्क की दरें सीमा शुल्क टैरिफ अधिनियम 1975 के अनुसार निर्धारित होती है।


(v) प्रायः सभी प्रकार की वस्तुओं के आयात पर यह शुल्क लगाया जाता है।

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