Nature and Characteristics of Custom Duty in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में सीमा शुल्क की प्रकृति एवं विशेषताओं के बारे में बताया गया है।


सीमा शुल्क की प्रकृति एवं विशेषताएँ (Nature and Characteristics of Custom Duty)

भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में दी गई सूची 1 में लिखा 83 के अनुसार सीमा शुल्क आयात तथा निर्यात पर लगने वाला संघीय शुल्क है।


Nature and Characteristics of Custom Duty in Hindi
Nature and Characteristics of Custom Duty in Hindi




सीमा शुल्क अधिनियम 1962 की धारा 12 के अनुसार आयात शुल्क लगभग सभी प्रकार की वस्तुओं पर लगाया जाता है, जबकि निर्यात शुल्क केवल कुछ ही वस्तुओं पर लगाया जाता है जिनमें भारतीय उत्पादन की मजबूत स्थिति है। जैसे चमड़े तथा खालों पर 10 प्रतिशत एवं सांप एवं मेमने की खाल पर 15 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया जाता है जबकि बकरी, भेड़ तथा उनके बछड़ों की खाल, चमड़ा एवं उनसे तैयार माल पर निर्यात शुल्क नही लगाया जाता है।



सीमा शुल्क की प्रकृति को निम्न शीर्षकों से समझाया जा सकता है :

1. केंद्रीय शुल्क - भारतीय संविधान में विदेशों से आयात किए जाने एवं भारत से बाहर निर्यात किए जाने वाले माल पर कर लगाने का अधिकार केंद्र सरकार को दिया गया है। इस संवैधानिक अधिकार के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा देश मे वस्तुओं के आयात एवं निर्यात पर सीमा शुल्क लगाया जा सकता है। इस शुल्क का आरोपण एवं वसूली केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। इससे संगृहीत सम्पूर्ण राशि का उपयोग केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है।


2. अप्रत्यक्ष कर - सीमा शुल्क एक अप्रत्यक्ष कर है। इसका भुगतान आयातकर्ता या निर्यातकर्ता द्वारा किया जाता है, लेकिन इसका अंतिम भार उपभोक्ता पर पड़ता है। यद्यपि अब सीमा शुल्क की दरें काफी कम हो गयी है, लेकिन पूर्व में सीमा शुल्क की अत्यधिक ऊंची दरों के कारण तस्करी, कर चोरी एवं भ्रष्टाचार को काफी बढ़ावा मिलता था।

सीमा शुल्क की अन्तराष्ट्रीय व्यापार में भूमिका जाने

3. सीमा शुल्क के आधार - सीमा शुल्क लगाने के दो आधार है - भारत से बाहर अन्य देशों को जो माल विदेशी व्यापारों के अंतर्गत भेजा जाता है उस पर निर्यात शुल्क लगाया जाता है। निर्यात वृद्धि के उद्देश्य से अधिकांश वस्तुओं पर निर्यात शुल्क लगाया ही नही जाता या अत्यंत न्यूनतम दर पर लगाया जाता है। सरकार जिन वस्तुओं का निर्यात प्रतिबंधित करना चाहती थी उन पर ऊंची दरों से निर्यात शुल्क लगाती है ताकि माल देश के बाहर नही जा सके।


विदेशों से भारत मे जो माल आयात किया जाता है उस पर आयात शुल्क लगती है। सीमा शुल्क का यह महत्वपूर्ण भाग है, क्योंकि सरकार का मुख्य ध्यान आयातों पर रहता है। राजस्व प्राप्त करने के अतिरिक्त अन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भी सरकार आयात शुल्क का सहारा लेती है। 

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