Role of Customs Duty in International Trade in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में सीमा शुल्क की अन्तराष्ट्रीय व्यापार में भूमिका/महत्व के बारे में जानेंगे।


सीमा शुल्क की अन्तराष्ट्रीय व्यापार में भूमिका या महत्व (Role of Customs Duty in International Trade)

1. राजस्व में योगदान - सीमा शुल्क का भारत सरकार की राजस्व प्राप्तियों में महत्वपूर्ण योगदान होता है। केंद्रीय उत्पाद शुल्क के बाद सीमा शुल्क ही ऐसा अप्रत्यक्ष कर है जिससे भारत सरकार को पर्याप्त राजस्व प्राप्त होता है। यद्यपि आयात शुल्क की दरों में काफी कमी कर दी गयी है, लेकिन विदेशी व्यापार के बढ़ते हुए आकार के कारण इससे प्राप्त राजस्व में निरंतर वृद्धि हो रही है।



Role of Customs Duty in International Trade in Hindi
Role of Customs Duty in International Trade in Hindi



2. घरेलू उद्योगों को संरक्षण प्रदान करना - आयात शुल्क लगाने का प्रमुख कारण राजस्व प्राप्त करना ही नही है अपितु घरेलू उद्योगों को विदेशी माल की प्रतियोगिता से संरक्षण प्रदान करना भी है। सरकार आयात शुल्क के प्रकार एवं दर बढाकर अपने यहां विदेशी माल महँगा कर देती है ताकि घरेलू उत्पादन विदेशी माल से संरक्षित रह सके।


3. व्यापार घाटे को संतुलित करना - जब किसी देश का आयात बहुत बढ़ जाता है और निर्यात कम हो जाता है तो विदेशी मुद्रा में भुगतान करने में असुविधा होने लगती है। इससे बचने के लिए आयात पर आयात शुल्क लगाकर आयात महँगा किया जाता है तथा अपने देश से निर्यात माल पर छूट देकर निर्यात माल सस्ता कर दिया जाता है जिससे व्यापार घाटा कम किया जा सके।


4. तस्करी पर नियंत्रण करना - जब आयात शुल्क की दरें बहुत ऊंची होती है तो तस्करी को बढ़ावा मिलता है, क्योंकि तस्करी करके लाये गए माल पर लाभ की दर बढ़ जाती है। इसका स्पष्ट प्रमाण है कि जब से सोने पर आयात शुल्क कम किया गया है, सरकारी राजस्व बढ़ रहा है और तस्करी कम हो रही है।


5. निर्यात कम करना - सरकार अपने निर्यात शुल्क की दर बढाकर निर्यात महँगा करती है ताकि विदेशों में उसकी मांग घट जाए और आवश्यक वस्तुएं घरेलू उपभोग के लिए उपलब्ध हो सके।

सीमा शुल्क जाने

6. विदेशी मुद्रा की बचत करना - धनाढय वर्ग विलासिता की वस्तुओं के आयात पर काफी विदेशी मुद्रा व्यय कर देता है। परिणामस्वरूप आवश्यक वस्तुओं एवं देश की रक्षा से सम्बंधित साज सामान के लिए विदेशी मुद्रा की कमी हो जाती हैं इस समस्या से बचने के लिए सरकार विलासिता की वस्तुओं पर ऊंची दर से आयात शुल्क लगाकर इनकी मांग में कमी करने का प्रयास करती है।


7. डंपिंग पर रोक लगाना - विदेशी उत्पादक भारत जैसे बड़े उपभोक्ता बाजार को हड़पने के लिए अपने उत्पाद को लागत से भी कम मूल्य पर डंप कर सकते है। ऐसी डंपिंग से बचाव के लिए सरकार Anti Dumping Duty नाम से अतिरिक्त आयात शुल्क लगाकर घरेलू उद्योगों का संरक्षण करती है।


8. विदेशी व्यापार समझौतों के क्रियान्वयन के लिए - अन्तराष्ट्रीय व्यापार समझौतों की शर्तों के अनुसार पारस्परिक रूप में सीमा शुल्क की दर निर्धारित एवं नियमित की जाती है। पारस्परिक रूप से निर्धारित ये दरें समझौतों से सम्बन्धित सभी देशों के आपसी व्यापारिक एवं आर्थिक हितों का संरक्षण करती है। 

Post a Comment