Types of Customs Duty in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में सीमा शुल्क के प्रकारों के बारे में बताया गया है :


सीमा शुल्क के प्रकार (Types of Customs Duty)

सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत सीमा शुल्क उस दर से लिया जाएगा जो Customs Tariff Act 1975 के निर्दिष्ट है, जो किसी माल के भारत से बाहर निर्यात एवं भारत मे आयात पर लागू होती है।



Types of Customs Duty in Hindi
Types of Customs Duty in Hindi




आयात शुल्क

भारत में निम्न प्रकार के आयात शुल्क लगाये जाते है :

1. मूल सीमा शुल्क - मूल सीमा शुल्क माल के मूल्य के आधार पर लगाया जाता है। माल के मूल्य का निर्धारण धारा 14 (1) में बताए गए प्रावधानों के अनुसार किया जाता है।

विभिन्न प्रकार के माल पर लगने वाले शुल्क की दरें अलग अलग है। वित्त अधिनियम 2015 के अनुसार सीमा शुल्क की दर पूर्ववत 10 प्रतिशत है।


2. प्रति सीमा शुल्क - अगर कोई माल भारत मे उत्पादित होता है और ऐसे माल का आयात किया जाता है तो उस पर प्रति सीमा शुल्क लगेगा। यह शुल्क उस माल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क के बराबर होगा जो भारत में उत्पादित या निर्मित माल पर लगता है। यह उत्पाद शुल्क हानि की पूर्ति के लिए लगाया जाता है।


3. प्रति शुल्क - The Customs Act 1975 के अनुसार अगर भारत में किसी माल के निर्माण या उत्पादन में काम आने वाले कच्चे माल एवं घटक पर उत्पाद शुल्क लगता है और ऐसे निर्मित माल पर उत्पाद शुल्क नही लगता है। ऐसी दशा के Customs Tariff Act धारा 3(1) के अंतर्गत CVD नही लगाया जा सकता है। अतः ऐसे आयातित माल में प्रयुक्त कच्चे माल या संघटकों पर भारत मे लगने वाले उत्पाद शुल्क को ध्यान में रखकर, केंद्रीय सरकार CVD लगा सकती है। यह CVD सीमा शुल्क के अंतर्गत देय शुल्क नही है।


4. वैट एवं स्थानीय करों के समक्षक विशेष अतिरिक्त सीमा शुल्क - इस शुल्क के सम्बन्ध में प्रावधान निम्न है :

(i) यह शुल्क केंद्रीय सरकार द्वारा लोकहित में लगाया जा सकता है।

(ii) यह शुल्क उद्ग्रहनीय होगा चाहे आयातित माल पर धारा 3(1) या धारा 3(3) के अधीन शुल्क लागू है या नही।

(iii) इस शुल्क की अधिकतम दर 4 प्रतिशत है।

(iv) यह शुल्क आयातित वस्तु के समान वस्तु पर लागू मूल्य वर्धित कर स्थानीय कर को प्रतिसन्तुलित करने के लिए लगाया जाता है।


5. शिक्षा उपकर - वित्त अधिनियम द्वारा प्रस्तावित यह उपकर भारत में आयातित वस्तुओं पर लगने वाले सीमा शुल्क के योग पर 2 प्रतिशत की दर से लगाया जाता है। कस्टम टैरिफ अधिनियम की धारा 4 के अंतर्गत चुकाए गए सीमा शुल्क से सम्बंधित शिक्षा उपकर अंतिम उत्पाद पर देय शिक्षा उपकर में Credit किया जा सकता है।


6. माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा उपकर - वित्त अधिनियम के यह उपकर 1 प्रतिशत की दर स आयातित माल पर कुल प्रभावी सीमा शुल्क के योग पर लगाया जाता है। इसकी गणना का आधार 2 प्रतिशत शिक्षा उपकर की भांति ही है।


7. संरक्षण शुल्क - अगर केंद्रीय सरकार छानबीन करके संतुष्ट है कि किसी वस्तु का आयात बहुत अधिक मात्रा में हो रहा है और इसके परिणामस्वरूप घरेलू उद्योग को खतरा उतपन्न हो गया है तो वह अधिसूचना जारी करके उस आयातित माल पर संरक्षण शुल्क लगा सकती है। अगर केंद्रीय सरकार को लगता है कि छानबीन करने में काफी समय लग सकता है तो अनंतिम संरक्षण शुल्क लगा सकती है, परन्तु अनंतिम संरक्षण शुल्क उस तिथि से जब यह लगाया गया है दो सौ से अधिक दिन प्रभावी नही रह सकता।


8. चीन से आयात पर उत्पाद विशिष्ट संरक्षण शुल्क - अगर केन्द्रीय सरकार उचित जांच करके संतुष्ट हो जाती है की किसी वस्तु का चीन से भारत मे अधिक मात्रा में और ऐसी दशाओं में आयात किया जा रहा है जिससे घरेलू बाजार को खतरा उतपन्न हो गया है तो वह अधिसूचना जारी करके संरक्षण शुल्क लगा सकती है। इस सम्बन्ध में अन्य प्रावधान वही है जो धारा 8 (B) में बताए गए है।


9. सहायता प्राप्त वस्तुओं पर प्रति शुल्क - अगर कोई देश अपने यहां उत्पादित वस्तुओं पर या उनके निर्यात के लिए प्रत्यक्ष रूप से सहायता देता है तो ऐसी वस्तुओं के भारत में आयात होते समय केन्द्रीय सरकार CVD लगा सकती है, परन्तु CVD की राशि सहायता की राशि से अधिक नही होगी।


10. सस्ते से बेची गयी वस्तुओं पर रोक - अगर कोई निर्यातक देश किसी माल का भारत को निर्यात भारतीय उत्पादन को हानि पहुंचाने या अपने Excess Stock को भारत मे Dump करने के उद्देश्य से भेजता है तो भारत सरकार घरेलू उद्योग के संरक्षण के लिए तथा समान आधार उपलब्ध कराने के लिए ऐसे माल के आयात होने पर anti dumping duty लगा सकती है, परन्तु इस शुल्क की राशि उचित मूल्य एवं निर्यात मूल्य के अंतर से अधिक नही होगी।


11. पुनः आयात शुल्क - अगर भारत से कोई माल निर्यात किया गया था और उस माल का भारत मे पुनः आयात किया जाता है तो ऐसे माल पर उसी प्रकार आयात शुल्क लगाया जायेगा जो उस प्रकार के माल के वास्तविक आयात पर लगाया जाता।

सीमा शुल्क के दोष

12. राष्ट्रीय विपत्ति आकस्मिक शुल्क - वित्त अधिनियम की धारा 134 के अनुसार यह शुल्क लागू किया गया। इस शुल्क के अंतर्गत विभिन्न वस्तुएं आती है जिन पर 1 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक शुल्क लगाया जाता है।



निर्यात शुल्क

सामान्यतः निर्यात पर कोई शुल्क नही लिया जाता वरन इसे प्रोत्साहन दिया जाता है। वर्तमान में खाल, चमड़ा, हड्डी के निर्यात पर 15 प्रतिशत शुल्क लिया जाता है। सांप की खाल, चमड़ा एवं मेमने की खाल पर 10 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया जाता है तथा अन्य किसी निर्यात पर कोई शुल्क नही लिया जाता है। कच्चा लोहा पर 300 ₹ तथा क्रोमियम पर 2000 ₹ प्रति टन की दर से निर्यात शुल्क लगाया जाता है। 

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