इस पोस्ट में केंद्रीय विक्रय कर अधिनियम के अंतर्गत व्यापारी के बारे में जानेंगे।
व्यापारी (Dealer)
केंद्रीय विक्रय कर अधिनियम के अंतर्गत व्यापारी की परिभाषा बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि व्यापारी ही इस अधिनियम के अंतर्गत राज्य सरकार को कर देने के लिए उत्तरदायी है। व्यापारी से तात्पर्य किसी ऐसे व्यक्ति से है जो नियमित या अनियमित रूप से माल का क्रय विक्रय, पूर्ति या वितरण करता है। यह व्यापार नकद या उधार हो सकता है या वह यह कार्य कमीशन लेकर या कोई पारिश्रमिक लेकर या कोई अन्य मूल्यवान प्रतिफल लेकर सकता है।
Dealer under Central Sales Tax in Hindi |
अनियमित रूप से माल का क्रय विक्रय, पूर्ति या वितरण करता है। यह व्यापार नकद या उधार हो सकता है या वह यह कार्य कमीशन लेकर या कोई पारिश्रमिक लेकर या कोई अन्य मूल्यवान प्रतिफल लेकर कर सकता है। व्यापारी में निम्न भी सम्मिलित है।
1. स्थानीय पता, वैधानिक निगम, कंपनी, सहकारी समिति, अन्य समिति, क्लब, फर्म, हिन्दू अविभाजित परिवार, व्यक्तियों का समुदाय जो व्यापार करते है।
2. कोई भी ऐसा एजेंट जो किसी भी नाम से पुकारा जाता है अपने नियोक्ता के लिए माल का क्रय, विक्रय, पूर्ति या वितरण का कार्य करता है।
3. कोई व्यक्ति जो अपने नियोक्ता के लिए वस्तु की विक्रय या नीलामी करता है नीलामकर्ता माना जाता है। नीलाम में क्रेता का प्रस्ताव नीलामकर्ता या नियोक्ता द्वारा निर्धारित व्यक्ति कोई भी स्वीकार करे परन्तु व्यापारी नीलामकर्ता ही माना जाता है।
केंद्रीय विक्रय कर इसके उद्देश्य और विशेषताएँ जाने
4. कोई सरकार, जो व्यापार के अंतर्गत या अन्यथा, माल का क्रय, विक्रय, पूर्ति या वितरण नकद या उधार या कमिश्नर या मूल्यवान प्रतिफल लेकर करती है व्यापारी मानी जाती है। परन्तु जब सरकार अतिरिक्त माल या पुराना और काम मे न आने योग्य माल या मशीनरी या अन्य सहायक पुर्जे बेचती है तो इस सम्बन्ध में वह व्यापारी नही मानी जाती।
व्यापारी की परिभाषा से यह स्पष्ट हो जाता है कि वही व्यक्ति व्यापारी है जो वस्तुओं का क्रय, विक्रय, पूर्ति या वितरण करता है। अगर कोई व्यक्ति क्रय विक्रय व्यापार के दृष्टिकोण से न करके परिस्थितियोंवश करता है तो ऐसा व्यक्ति व्यापारी नही होता जैसे बैंक ऋण वसूल करने के लिए ऋणी का माल बेच दे, कस्टम अधिकारी जब्त किए गए माल को बेच दे तो इन्हें व्यापारी नही कह सकते।
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