Different Export Promotion Schemes under Customs Act in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में अन्य निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के बारे में बताया गया है।


अन्य निर्यात प्रोत्साहन योजनाएं (Different Export Promotion Schemes)

1. Input Duty Relief Scheme - उत्पादन के लिए जरूरी संसाधनों की शुल्कमुक्ति सम्बन्धी अनेक प्रोत्साहन विकल्प उपलब्ध है, जिनके अंतर्गत प्रथमतः शुल्क लगाया ही नही जाता है या वापस कर दिया जाता है। SEZs तथा EOUs की दशा में ऐसे उपक्रमों को घरेलू उत्पादन क्षेत्र से पृथक मानकर उन्हें शुल्क विमुक्ति प्रदान की जाती है। कुछ मामलों में घरेलू उत्पाद के लिए संलग्न इकाइयों को संसाधनों एवं पूंजीगत माल उत्पाद शुल्क एवं सीमा शुल्क विमुक्ति के साथ उपलब्ध कराया जाता है।



Different Export Promotion Schemes under Customs Act in Hindi
Different Export Promotion Schemes under Customs Act in Hindi



2. Duty Entitlement Pass Book Scheme - अन्य योजनाओं की अपेक्षा यह योजना अधिक पारदर्शी एवं प्रशासनिक दृष्टि से सरल है। यह CENVAT क्रेडिट योजना की भांति है जिसमें निर्यातक को निर्यात के बाद पूर्व निर्धारित दरों के आधार पर क्रेडिट पास बुक में लेखा द्वारा प्रदान किया जाता है जिसका प्रयोग निर्यातक आयात माल पर देय सीमा शुल्क के भुगतान के लिए भविष्य में कर सकता है।


3. Duty Drawback Scheme - निर्माता या प्रसंस्करक इस शुल्क वापसी सुविधा का लाभ उठा सकते है। निर्यात माल के उत्पादन/प्रसंस्करण के सम्बन्ध में भुगतान की गई उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क एवं सेवाकर का निर्यातक को निर्यात के बाद वापसी कर दी जाती है। मूल्यरूप में अगर निर्यातक माल के उत्पादन या प्रसंस्करण में कोई शुल्क भुगतान नही किया गया है। तो उसी सीमा तक शुल्क वापसी प्राप्त नही होगी।


4. Export Promotion Capital Goods Authorisation Scheme - इस योजना ले अंतर्गत अधिकृत धारक विदेशों से पूंजीगत माल का एक जून दो हजार आठ से 3 प्रतिशत रियायती सीमाशुल्क दायित्व के साथ आयात कर सकता है। इस पूंजीगत माल के अंतर्गत प्लांट, मशीनरी, उपकरण एवं स्पेयर्स शामिल है। चूंकि सीमा शुल्क की आयात पर मूल दर 10 प्रतिशत है, अतः इस 3 प्रतिशत रियायती दर का भरपूर लाभ निर्माताओं द्वारा उठाया जा रहा है। इससे पहले यह रियायती दर 5 प्रतिशत थी।

विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र की प्रमुख विशेषताएँ

5. Duty Free Import Authorisation - विदेश व्यापार नीति दो हजार चार से नौ के अंतर्गत एक मई दो हजार छह से प्रभावी यह प्रोत्साहन योजना कुछ विशेष लाभों के साथ लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत निर्यात दायित्व के निर्वाह के बाद आयातित माल का हस्तांतरण किया जा सकता है। इस योजना के अंतर्गत निर्माण के लिए संसाधनों का आयात शुल्क मुक्ति के साथ किया जा सकता है।


6. Deemed Export Scheme - माने गए निर्यात जैसे कि इसके नाम से प्रकट होता है यहां माल एवं सेवाओं का पूर्तिकर्ता भारत में ही इनकी पूर्ति करके विदेशी मुद्रा में भुगतान प्राप्त करता है। 

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