Kinds of Central Sales Tax in Hindi

हेलो दोस्तों।

इस पोस्ट में विक्रय कर के प्रकार के बारे में बताया गया है।


विक्रय कर के प्रकार

साधारण रूप से विक्रय कर दो प्रकार का होता है :

1. चुना हुआ विक्रय कर - इसमें विक्रय कर सब वस्तुओं पर न लगाकर कुछ चुनी हुई वस्तुओं पर ही लगाया जाता है।


Kinds of Central Sales Tax in Hindi
Kinds of Central Sales Tax in Hindi



2. सामान्य विक्रय कर - इसमें विक्रय कर अधिनियम वस्तुओं पर लगाया जाता है। जिन वस्तुओं पर विक्रय कर नही लगाया जाता उनका उल्लेख अधिनियम में स्पष्ट रूप से कर दिया जाता है।


अन्य प्रकार से विक्रय कर का विभाजन निम्न प्रकार से किया जाता है :

(i) एक बिंदु पर - इन वस्तुओं पर उत्पादक से उपभोक्ता तक पहुंचने पर केवल एक ही बार कर लिया जाता है।

एक बिंदु कर निम्न दो बिंदुओं में से किसी एक बिंदु पर लगाया जा सकता है :

(अ) प्रथम बिंदु विक्रय कर - इसके अंतर्गत विक्रय कर उस समय लिया जाता है जब किसी वस्तु की विक्रय राज्य में प्रथम बार की जाती है। अगर किसी राज्य में वस्तु का निर्माण या उत्पादन किया गया है तो वस्तु का निर्माता या उत्पादक जब वस्तु को बेचता है तो उससे विक्रय कर वसूल लिया जाता है। अगर व्यापारी किसी दूसरे राज्य से वस्तु लाकर बेचता है तो विक्रय कर उस व्यापारी से वसूल किया जाता है जो सर्वप्रथम उस वस्तु को उस राज्य में बेच रहा है।


(ब) अंतिम बिंदु विक्रय कर - इसके अंतर्गत विक्रय कर उस समय लिया जाता है जब पंजीकृत व्यापारी द्वारा वस्तु उपभोक्ता को या अपंजीकृत व्यापारी को बेची जाती है। जब वस्तु एक पंजीकृत व्यापारी से दूसरे पंजीकृत व्यापारी को बेची जाती है तो अंतिम बिंदु विक्रय कर के अन्तर्गत कोई कर नही लिया जाता।

केंद्रीय विक्रय कर का इतिहास

2. बहु बिंदु पर - इसमें वस्तु जितनी बार बेची जाती है उतनी ही बार कर देना होता है। अतः जब तक वस्तु उत्पादक से उपभोक्ता तक पहुंचती है उस पर कईं बार विक्रय कर लग जाता है। उपभोक्ता पर विक्रय कर का भार न बढ़ जाए इस दृष्टिकोण से बहु बिंदु कर के अंतर्गत कर की दर एक बिंदु कर की तुलना में काफी कम रखी जाती है।


बहु बिंदु कर के अंतर्गत अगर व्यापारी कर भार कम करना चाहे तो ऐसा कर सकते है। इसके अंतर्गत उन्हें उत्पादक से उपभोक्ता को माल बेचने तक की सारी प्रक्रियाएं स्वयं करनी होगी और मध्यस्थों को हटाना होगा।

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