Advantages of Listening skills in Hindi



हेलो फ्रेंड्स।

आज के पोस्ट में हम श्रवण के लाभ और श्रवण में बाधाएं के बारे में जानेंगे।


श्रवण के लाभ (Advantages of Listening)

अगर आप संकल्प के साथ तथा सकारात्मक रूप से सुनेंगे तो आपको ध्यानपूर्वक सुनने के छः लाभ प्राप्त होंगे :

1. सकारात्मक रवैया अपनाने में सहायक - उत्तम सुनने के मार्ग में आने वाली रुकावटों की अच्छी समझ।


2. वक़्ता तथा श्रोताओं को संचार में सुधार करने का मौका - क्योकि प्रत्येक पक्ष दूसरे दृष्टिकोण के प्रति सचेत तथा ग्रहणशील होता है।



Advantages of Listening skills in Hindi




3. प्रति पुष्टि द्वारा वक़्ता को संकेत प्राप्त होता है कि श्रोतागण उसके भाषण में रुचि ले रहे है, अतः वक़्ता निष्पादन को सर्वोत्तम बनाने के लिए और अधिक प्रयत्न करता है।


4. श्रोताओं को उपयोगी सूचना प्राप्त करने में सहायक - फलस्वरूप वो सही निर्णय ले सकते है।


5. दूसरों के प्रति बेहतर ज्ञान का निर्माण जिससे श्रोताओं को अन्य व्यक्तियों के साथ काम करने में सहायता प्राप्त होती है।


6. वक़्ता द्वारा समस्या को कहने में सहायक, जिसे एक व्यक्ति को प्राप्त करने तथा दूसरे को देने की जरूरत होती है।




श्रवण में बाधाएं (Barriers to Listening)

श्रवण में कई सम्भव रुकावटे आती है जो इस प्रकार है चलो समझते है :

1. सुनने की आपकी वास्तविक शारीरिक योग्यता।


2. वक़्ता जो कहना चाह रहा है उसकी तरफ ध्यान न देकर उसकी आवाज, शारीरिक बनावट, कपड़ों, बोलने के तरीकों और भाषा की शुद्धता पर ध्यान देना।


3. वक़्ता जो कुछ कह रहा है उसका निरादर तथा तिरस्कार करना, क्योकि आपको उसकी शारीरिक दिखावट, आवाज, उच्चारण, लहजा आदि पसन्द नही है।


4. केवल शब्दों को सुनना, न कि उन शब्दों के पीछे छुपी भावना को, जिसका संचार अशाब्दिक विधि द्वारा होता है।


5. आपको दूसरी दिशा में ले जाने के लिए, विषय के सम्बंध में भाव प्रधान चेतना को जागना, विशेषकर आदि वक़्ता भावुक शब्दों का प्रयोग करता है।


6. इस सीमा तक नोट लिखने पर चित्त को एकाग्र करना कि आपके विचारों का तांता टूट जाए।


7. पूर्ण रूप से विश्वस्त होना की विषय के बारे में जो कुछ जानना जरूरी है उसका आपको पहले से ही ज्ञान है।


8. उपेक्षा, क्योकि आप को असुखद, जटिल तथा कठिन विषयों पर विचार करना पसंद नही है।


9. उपेक्षा क्योकि आप को थकावट है, नींद आ रही है, भूख लगी है या आप घर जाना चाहते है।


10. उपेक्षा, क्योकि आप जानते है जो कुछ भी कहा जा रहा है आप उसे बेहतर ढंग से कह सकते है।


11. उपेक्षा, क्योकि आपको अधिक महत्वपूर्ण विषयों पर विचार करना है।


12. उचाट (Boredom) क्योकि आप पहले ही बहुत भाषण, लेक्चर, वाद विवाद, वार्तालाप आदि लोगो से सुन चुके है।


13. विषय पर ध्यान लगाने की अयोग्यता।


14. वक़्ता के शब्दों के प्रति लापरवाही दिखाना क्योकि आप उत्तर देने के बारे में सोच रहे है।


15. उलझन, क्योकि आपको हल्का सा भी ज्ञान नही है कि वक़्ता क्या कह रहा है, आपने पहले ऐसे शब्द कभी सुने ही नही है।


16. अगर भौतिक अवस्था जैसे लेक्चर, या क्लास रूम, आदि संतोषजनक नही है तो इसका आपके ध्यान के स्तर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।


17. आप कितनी सक्रियता से सुनेंगे इसके निर्धारण में आपकी अपनी सकारात्मक तथा नकारात्मक अभिवृति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 

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