दीर्घ रिपोर्ट के बारे में जानकारी


हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम दीर्घ रिपोर्ट के बारे में समझेंगे।


दीर्घ रिपोर्ट (Long Report)

यह एक औपचारिक रिपोर्ट होती है यह वह रिपोर्ट है जिसमे विस्तृत तथा अधिक सूचना होती है, अधिक दृष्टिगत सामग्री होती है और कई प्रकार की समर्थन सामग्री भी दी जाती है। इसकी लंबाई भी अधिक होती है और जटिल समस्याओं पर गहन रूप से विचार होता है। कुछ दीर्घ रिपोर्ट कुछ पन्नो से लेकर कई सौ पन्नो तक की होती है। यहां तक कि वह कई खण्डों में भी हो सकती है।



दीर्घ रिपोर्ट के बारे में जानकारी
दीर्घ रिपोर्ट के बारे में जानकारी




दीर्घ रिपोर्ट की तैयारी (Planning of a Long Report)

किसी भी व्यवसाय के उच्च अधिकारी या किसी बाहरी एजेंसी को एक विशेष उद्देश्य के लिए रिपोर्ट तैयार करने को कहा जाता है। रिपोर्ट की तैयार मुख्य रूप से निम्नलिखित चरणों मे करनी चाहिए।

1. प्रथम चरण : समस्या को परिभाषित करें या उद्देश्यों के वर्णन करें - रिपोर्ट तैयार करने का प्रथम चरण समस्या को परिभाषित करना होता है। बहुत सी रिपोर्ट समस्या को हल करने के लिए नही लिखी जाती अपितु तथ्यात्मक सूचना या विचार देने के लिए लिखी जाती है। अगर आपकी रिपोर्ट इस प्रकार की है तो रिपोर्ट के उद्देश्य की घोषणा करें। समस्या को कम से कम अक्षरों में लिखे ताकि यह पूरी तरह से स्पष्ट हो जाए और आप जब चाहे इसे याद कर सकें।




2. दूसरा चरण : नोट्स बनाएं - इस बात का ध्यान रखे कि आपने विषय के बारे में जो कुछ सीखा है उन सबका संक्षिप्त लेख आप अपने पास रखें। जब आप अनुसन्धान करते है तो ये संक्षिप्त लेख कार्ड या कागज के टुकड़ों पर रखे जाने चाहिए। इस स्तर पर अच्छे व्याकरण, पूर्ण वाक्य, शुद्धता आदि की चिंता न करें। आप अपने पास फ़ाइल रखे जिसने आप अपने सभी संक्षिप्त लेख तथा अन्य संबंधित सामग्री कुछ समय तक रख सकें।



3. तीसरा चरण : रिपोर्ट की रूपरेखा बनाएं - अपने संक्षिप्त लेखों की सूची से आप अपनी रिपोर्ट की पहली रूपरेखा तैयार करें। याद रखे कि आपकी बनाई गई रूपरेखा कोई पत्थर या सीमेंट से नही बनाई गई। जैसे जैसे आपका कार्य होता जाएगा आप इसमें व्यवस्था तरह परिवर्तन कर पाएंगे और आप इसके क्रम में जमा घटा कर सकेंगे।



4. चौथा चरण - अपने पाठकों व उनके स्तर की पहचान करें - इस चरण में आपको निर्णय लेना है कि रिपोर्ट में कितनी सामग्री पाठकों के लिए उपयुक्त रहेगी।



5. पांचवा चरण - जब आप काम करें तो अपनी रूपरेखा जांचे तथा परिवर्तित करें - जब अपनी बनाई गई रिपोर्ट की रूपरेखा को ध्यान से देखे। क्या आपने अपनी रिपोर्ट में पाठकों को ध्यान में रखा है ताकि आप द्वारा दी गयी रिपोर्ट पाठकों के दृष्टिकोण से समझी जा सके

रूपरेखा के अंगों को सँख्यायों या शब्दों द्वारा अंकित करें। ये चिन्ह रिपोर्ट के भागों के एक दूसरे से सम्बन्ध बताते है और आपको पता लग जाता है कि आपने एक खण्ड पूरा कर लिया है और अब आप अगले खण्ड की और जा रहे है।



6. छठा चरण : जब आप काम करें, तो अपने शोध पत्रों को नाम दें - आप अपने संशोधन कार्डों और लघु लेखों को लेबल लगाएं जो रूपरेखा के मुख्य शीर्षकों से मेल खाता हो। फिर कार्डों तथा लघु लेखों को उनकी रूपरेखा के अनुसार वाली स्थिति के अनुसार इकट्ठे करके रखें। आप अपने शोध कार्य के अनुसार रूपरेखा में कुछ शीर्षक और डालने चाहेंगे या कम करना चाहेंगे।



7. सांतवा चरण : रिपोर्ट की पहली प्रतिलिपि बनाएं - अब अपने शोधपत्रों तथा रूपरेखा की सहायता से रिपोर्ट लिखना आरम्भ करें। अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय कभी भी पहली बार लिखी गयी सामग्री को अंतिम प्रतिलिपि के रूप में प्रस्तुत नही करें। हैरी शा अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सम्पादक तथा लेखक कहता है "अच्छे लेखन जैसी कोई वस्तु नही। केवल अच्छा पुनः लेखन है ? शा का यह भी कहना है कि जो लोग अपने लिखे पर पुनः विचार नही करते और पुनः लेखन में विश्वास नही करते वे अच्छा लेखक बनने का अवसर खो रहे है।



8. आठवां चरण : पहली प्रतिलिपि को दोबारा बनाएं - जब आपकी रिपोर्ट का प्रथम चरण लेख तैयार हो जाये तो इसे अलग से रख दे और कुछ समय बाद शांत और चुस्त भाव से इसे दोबारा पढ़ें। यह वह समय है जब आप बारीकी से व्याकरण, वर्ण विन्यास तथा विरामचिन्ह के प्रयोग की जांच करें। इसे दोबारा पढ़े और देखे की यह बनाई गई रूपरेखा के अनुकूल है इससे आपको यह पता चल जाता है कि रिपोर्ट वही कुछ कह रही है जो आप कहना चाहते है तथा आपके विचार तर्क संगत ढंग से उभर रहे है। इस समय आप किसी अन्य व्यक्ति को भी साथ ले सकते है। केवल कुछ सावधानी से पढ़ने के बाद ही आप अपनी रिपोर्ट की अंतिम प्रति टाइप करें या छपवाएं।



9. नवां चरण : रिपोर्ट को संग्रह एवम पूर्ण रूप से तैयार करें - अपनी रिपोर्ट को सावधानी से पढ़ने और मुख्य अंग में सुधार करने के बाद आपकी रिपोर्ट तैयार है और अब इसे मुख्य पृष्ठ, विषय सही देना बाकी है।

व्यावसायिक रिपोर्ट को टाइप करवाने, छपवाने तथा जिल्द बंधवाने के लिए उपयुक्त अधिकारियों की अनुमति की जा सकती है। टाइप करते समय दो लाइन का अंतर खुला होना चाहिए।



10. रिपोर्ट का प्रारूप - रिपोर्ट का फॉरमेट निम्नलिखित तीन भागों में प्रस्तुत करें :

(i) भूमिका सम्बन्धी भाग

(ii) रिपोर्ट का मूलपाठ

(iii) परिशिष्ट सम्बन्धी भाग

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