Short Report के बारे में जानकारी


हेलो दोस्तों।

आज के पोस्ट में हम लघु रिपोर्ट के बारे में जानेंगे।


लघु रिपोर्ट (Short Report)

लघु रिपोर्ट संक्षिप्त, सही और निष्पक्ष होती है। सभी प्रकार के अनुमान या तर्क दिए गए तथ्य पर निर्भर करते है जो पाठकों को दिए गए निर्णयों के बारे में सहायता करते है।


लघु रिपोर्ट को कम पृष्टभूमि, परिवर्तन, दृष्टिगत सामग्री, शीर्षक, संलग्न पत्र, सूक्ष्म उप विभाजन और औपचारिकता की जरूरत होती है। अतः लघु रिपोर्ट का प्रयोग प्रायः व्यावसायिक संचार में किया जाता है। कुछ रिपोर्ट को तो E-mail द्वारा भेजा जाता है।




Short Report के बारे में जानकारी हिंदी में
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लघु रिपोर्ट की विशेषताएं (Characteristics of a Short Report)

लघु रिपोर्ट की विशेषताएं इस प्रकार है चलो समझते है :

1. पत्र या मेमो - लघु रिपोर्ट को पत्र या मेमो के आकार में प्रस्तुत किया जाता है।


2. अधिक प्रचलित - लघु रिपोर्ट व्यवसाय में अधिक प्रचलित है। ये प्रतिदिन के काम मे आने वाले विवरण है जिनका प्रयोग साधारण सूचना देने के रूप में होता है जो एक संगठन के संचार के लिए महत्वपूर्ण है।




3. कम भूमिका - बहुत से लघु उद्योग तथा अनोपचारिक रिपोर्ट को बहुत कम भूमिका की जरूरत होती है। ये रिपोर्ट दिन प्रतिदिन की समस्याओं से सम्बंधित होती है। उनका जीवन अल्पकालीन होता है। यही कारण है कि उन्हें फ़ाइल में नही रखा जाता है जिससे आने वाले पाठक उन्हें पढ़ सके। वे केवल कुछ ही पाठको के लिए होती है और उनके लिए जिन्हें सनस्यओं का ज्ञान होता है। उन्हें किसी प्रकार की भूमिका की जरूरत नही होती।


4. प्रायः प्रत्यक्ष आरम्भ - लघु रिपोर्ट प्रायः प्रत्यक्ष रूप से आरम्भ होती है जिसमे सबसे जरूरी सूचना दी जारी है प्रायः निष्कर्ष और सुझाव भी दिए जाते है। व्यावसायिक लेखक इसका प्रयोग करते है क्योंकि वे जानते है कि उनके पाठकों की मुख्य चिंता निर्णय लेने के लिए सूचना प्राप्त करना है। वे अपने पाठकों को वह सामग्री देते है जो उनके लिए अति आवश्यक है। इसलिए वे सूचना का सीधा प्रस्तुतिकरण करते हैं।

5. अधिक निजी - यद्यपि सभी प्रकार का रिपोर्ट लेखन एक जैसा होता है फिर भी लघु रिपोर्ट अधिक निजी होती है। इसका अर्थ है कि लघु रिपोर्ट में निजी सर्वनामो का प्रयोग होता है। जैसे मैं, हम तथा आप न कि वह तथा वे।




लघु रिपोर्टों के संगठन या योजना (Organisation or Planning of a Short Report)

अनौपचारिक लघु रिपोर्ट का निर्माण निम्नलिखित ढंग से होता है :

A. फॉरमेट या प्रारूप

(i) बाह्य लघु रिपोर्ट के लिए पत्र फॉरमेट का प्रयोग करे जिसमे शीर्षक या विषय या वर्णन हो।

(ii) आंतरिक लघु रिपोर्ट के लिए मेमो का प्रयोग करें।

(iii) सभी उपयुक्त लघु रिपोर्टों के ढंग से प्रस्तुत करें।

(iv) मूलपाठ को कम दूरी पर लिखे।

(v) वाक्य खण्डों के बीच दोहरा स्थान छोड़े।




B. प्रारम्भ

(i) नित्यकर्म लघु मेमो में मेमो के विषय और मूलपाठ के एक दो वाक्य को भूमिका के तौर पर प्रयोग करें।

(ii) शेष सभी प्रकार के लघु रिपोर्ट में उद्देश्य, पृष्टभूमि, अध्यन में उतपन्न बाधाएं, सूचना के स्त्रोत तथा अनुसन्धान की विधियां तथा संगठन की भूमिका में वर्णन करें।

(iii) अगर प्रत्यक्ष क्रम का प्रयोग कर रहे है तो निष्कर्ष तथा सुझाव आरम्भ में लिखे।




C. प्रमुख भाग

(i) स्वीकार करने वाले पाठको को सूचना सम्बन्धी रिपोर्ट प्रत्यक्ष क्रम में दे और विचारों को उप विषयों द्वारा विकसित करें।

(ii) स्वीकार करने वाले पाठकों के लिए विश्लेषणात्मक रिपोर्ट को प्रत्यक्ष क्रम में प्रस्तुत करें।

(iii) सन्देहात्मक या विरोधी पाठकों के लिए विश्लेषणात्मक रिपोर्ट अप्रत्यक्ष क्रम में दे।

(iv) परिवर्तन प्रदर्शित करने वाले शब्दों और पदबंधों का प्रयोग करते हुए वाक्य खण्डों को एक दूसरे से जोड़े।

(v) सामग्री के प्रस्तुतिकरण में सही, पूर्ण और निष्पक्ष रहें।

(vi) सभी प्रकार की अनावश्यक तथा असंगत रिपोर्ट से बचें।




D. समापन

(i) सूचना सम्बन्धी रिपोर्टों के समापन में अपनी मुख्य खोज का सारांश दें।

(ii) बिंदुओं का सारांश उसी क्रम में दे जिस क्रम में वे मूल पाठ में आते है।

(iii) विश्लेषणात्मक रिपोर्ट में जिसमे अप्रत्यक्ष क्रम का प्रयोग किया गया है अपने निष्कर्ष और सुझाव अंत मे दें।

(iv) यह सुनिश्चित करें कि निष्कर्ष और सुझाव युक्तिसंगत ढंग से मूल पाठ में दिए गए तथ्यों से निकले।

(v) सारांश, निष्कर्ष या सुझावों में नई सामग्री का समावेश न करें। 

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